E-20 विवाद से इन कंपनियों ने डुबाए 2500 करोड़, शुगर सेक्टर के दिग्गजों को बड़ा झटका; ₹100 तक टूटे शेयर
पिछले कई दिनों से शुगर स्टॉक्स में बिकवाली देखने को मिली है. कुछ शेयर तो 2 सितंबर के बाद से करीब 100 रुपये टूट गए हैं. एथनॉल विवाद के बाद इन शेयरों ने अपनी तेजी को गंवा दी. तेजी को छोड़िए इनमें इसी का असर इसके शेयरों पर देखने को मिला है. अब सवाल ये है कि ऐसी गिरावट क्यों देखने को मिली है.
Sugar Stocks Under Pressure: पिछले कुछ दिनों से E20 को लेकर नया विवाद गरमाया है. इसका असर एथनॉल बनाने वाली कंपनियों के शेयरों पर देखने को मिला है. 1 सितंबर को भारत सरकार ने एथनॉल उत्पादन को लेकर एक अहम फैसला दिया. सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने के रस, सिरप और हर तरह के गुड़ (मोलासेस) से एथनॉल उत्पादन पर लगी मात्रात्मक पाबंदियों को हटा दिया था, जिसके बाद 2 सितंबर को इन कंपनियों के शेयरों में तूफानी तेजी देखने को मिली थी. नतीजा ये हुआ कि कई शुगर स्टॉक में 20 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली. हालांकि एथनॉल विवाद के बाद इन शेयरों ने अपनी तेजी को गंवा दिया. नतीजा हुआ कि बलरामपुर चिनी मिल्स जैसे शेयर जो एक हफ्ते पहले 581 के भाव पर थे, वो अब 512 रुपये पर आ गए हैं. इस गिरावट के बाद निवेशकों को काफी मोटा नुकसान हुआ है.
इन चुनिंदा कंपनियों के शेयर कितना गिरे? (एथनॉल उत्पादन को लेकर एक अहम फैसले के बाद )
- Balrampur Chini Mills- एक हफ्ते पहले यह शेयर 584 रुपये के करीब था, जो अब गिरकर 515 रुपये तक चले गए. यानी 11 फीसदी की गिरावट आई है.
- Dalmia Bharat Sugar and Industries के शेयर 2 सितंबर को 404 रुपये पर कामकाज कर रहे थे, जो 370 रुपये के भाव पर करीब कामकाज कर रहा था. इसमें 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.
- EID Parry (India) पर भी इससे अछूता नहीं है. कंपनी के शेयर 2 सितंबर को 1169 रुपये पर थे, जो अब गिरकर 1,073 रुपये के आस-पास आ गये हैं. यानी करीब 96 रुपये की गिरावट. यानी 8 फीसदी की गिरावट.
- Dhampur Sugar Mills- कंपनी के शेयरों 2 सितंबर इसके शेयरों का भाव करीब 144 रुपये थी, जो गिरकर 133 रुपये पर आ गई. यानी 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट.
अगर इन 4 कंपनियों की बात करें तो निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है. केवल इन 4 कंपनियों से ही निवेशकों के 2507 करोड़ रुपये डूब गए हैं.
क्या है E20 विवाद?
E20 पेट्रोल दरअसल, 80 फीसदी पेट्रोल और 20 फीसदी एथनॉल का मिश्रण होता है. सरकार का मानना है कि E20 ब्लेंडिंग कार्बन उत्सर्जन घटाने और जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने की दिशा में बड़ा कदम है. लेकिन वाहन मालिकों का कहना है कि इस मिश्रण से गाड़ियों की फ्यूल एफिशिएंसी घट रही है और वाहनों की उम्र भी कम हो रही है.
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नितिन गडकरी की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एथेनॉल विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया. उन्होंने बोला कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ पेड कैंपेन चलाया जा रहा है और इसके जरिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. गडकरी ने साफ कहा कि इस कैंपेन की कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है. उनके इस बयान के बाद एथेनॉल विवाद ने नया मोड़ ले लिया है.
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