Tata Motors demerger: शेयर मिलने पर नहीं लगेगा कैपिटल गेन टैक्स, लेकिन बेचते समय रहें सतर्क, इन बातों का रखें ध्यान
टाटा मोटर्स के डिमर्जर से उसका कमर्शियल वाहन (CV) और पैसेंजर वाहन (PV) बिजनेस अलग-अलग कंपनियों में बंट गया है. 14 अक्टूबर को डिमर्जर की रिकॉर्ड डेट है. इस तारीख को शेयर होल्डर्स को उनके प्रत्येक एक शेयर के बदले नई कमर्शियल व्हीकल्स कंपनी का एक इक्विटी शेयर मिलेगा. शेयर मिलने पर तत्काल कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा लेकिन बेचते समय इन बातों का ध्यान रखना होगा.
Tata Motors demerger: Tata Motors का डिमर्जर 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है. इससे टाटा मोटर्स का कमर्शियल वाहन (CV) और पैसेंजर वाहन (PV) बिजनेस अलग-अलग कंपनियों में बंट गया है. टाटा मोटर्स ने 14 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट घोषित की है. टाटा मोटर्स के शेयर होल्डर्स को उनके प्रत्येक एक शेयर के बदले नई कमर्शियल व्हीकल्स कंपनी का एक इक्विटी शेयर मिलेगा. यानी शेयर होल्डर्स के डीमैट अकाउंट में बिना कोई एक्स्ट्रा पैसा चुकाए नई कंपनी के शेयर आ जाएंगे. खुशखबरी यह है कि शेयर मिलने पर तत्काल कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा लेकिन जब भी इन्वेस्टर इन शेयरों को बेचेंगे तब टैक्स से जुड़ी गणना बेहद अहम होगी. टीएमएल कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के नवंबर की शुरुआत में स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने की उम्मीद है. आइए टैक्स का गुणा-गणित समझते है.
कैसे तय होगी शेयर की कीमत
डिमर्जर के बाद शेयर होल्डर्स को मिलने वाले नए शेयर मुफ्त नहीं माने जाएंगे. आपके पहले खरीदे गए शेयर की लागत को दोनों कंपनियों के बीच नेट बुक वैल्यू के रेशियो के हिसाब से बांटा जाएगा. उदाहरण के तौर पर, अगर आपने 1000 रुपये में शेयर खरीदे हैं तो कंपनी नेट बुक वैल्यू के रेशियो 60:40 बताती है. इस हिसाब से 600 रुपये पुराने टाटा मोटर्स शेयर की लागत मानी जाएगी और नई TML कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड के शेयर की कीमत 400 रुपये होगी. यह अनुपात कंपनी या उसके रजिस्ट्रार की ओर से आधिकारिक रूप से जारी की जाती है.
होल्डिंग पीरियड
डिमर्जर के बाद कंपनी के अलग होने के बाद आपकी होल्डिंग अवधि रीसेट नहीं होती है. अगर आपने 2021 में शेयर खरीदे थे और कंपनी का अलग होना 2023 में हुआ तो पुरानी और नई दोनों कंपनियों के लिए होल्डिंग अवधि 2021 से गिनी जाएगी. यानी अगर आपने 2021 में टाटा मोटर्स के शेयर खरीदे थे और 2025 में डिमर्जर हुआ तो नई कंपनी के शेयर की होल्डिंग अवधि भी 2021 से मानी जाएगी. इसका फायदा यह होगा कि शेयर लंबे समय तक रखने पर उन्हें लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाएगा और इस पर कम टैक्स लगेगा.
कब लगेगा टैक्स
डिमर्जर के समय शेयरहोल्डर्स को मिले नए शेयरों को ट्रांसफर नहीं माना जाता है और इस पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है. जब इन्वेस्टर इन शेयरों को बेचेंगे तब कैपिटल गेन टैक्स लगेगा.
इसके अलावा अगर टाटा मोटर्स और अलग हुई कंपनी, दोनों अलग-अलग डिविडेंड घोषित करती हैं तो उस पर टीडीएस कटेगा. डिविडेंड को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज माना जाएगा.
ऐसे पेनाल्टी से बचें
कंपनी या आरटीए से मिले नेट बुक वैल्यू रेशियो की कॉपी को संभाल कर रखें.अपने शेयरों को अपने डीमैट स्प्रेडशीट या ट्रेडिंग अकाउंट में मैन्युअल रूप से लेबल करें. शेयरों को बेचते समय ऑटो-कैलकुलेशन पर भरोसा करने के बजाय खुद कैलकुलेशन करें. इसके अलावा इनकम रिटर्न भरते समय इसे शेड्यूल 112A में सही-सही रिपोर्ट करें.