Q2 Result Tata Motors PV: ₹76170 करोड़ का रिकॉर्ड प्रॉफिट, फिर भी ऑपरेशनल घाटा! कहां हुआ खेल?
Tata Motors PV ने Q2FY26 में ₹76170 करोड़ का रिकॉर्ड प्रॉफिट दर्ज किया है. सालाना आधार पर देखा जाए, तो कंपनी के प्रॉफिट में करीब 25 गुना का उछाल आया है. हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि इतने धमाकेदार प्रॉफिट के बाद भी कंपनी ने 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑपरेशन घाटा दर्ज किया है.
Tata Motors Passenger Vehicles (TMPV) ने सितंबर तिमाही में 76,248 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. सालाना आधार पर देखें, तो नेट प्रॉफिट में करीब 25 गुना का उछाल आया है. हालांकि, इतने तगड़े मुनाफे के बाद भी कंपनी ऑपरेशनल घाटे में है. इसके पीछे एक बड़ा कारण कंपनी के लग्जरी ब्रांड JLR पर हुए साइबर हमले को बताया जा रहा है.
कैसे हुआ इतना मुनाफा?
टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल (TMCV) से कंपनी डिमर्जर के चलते कंपनी को 82,616 करोड़ रुपये का वन टाइम डिमर्जर गेन मिला है. इस डिमर्जर के बाद PV, EV और JLR बिजनेस को एक ही इकाई में शामिल किया गया है, जिसके चलते तिमाही नतीजों में भारी अकाउंटिंग गेन दिखा.
असली प्रदर्शन कमजोर
वन-टाइम गेन को छोड़ दिया जाए, तो कंपनी की वास्तविक स्थिति काफी कमजोर नजर आती है. TMPV को Q2FY26 में 6,368 करोड़ रुपये नेट लॉस हुआ है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने 3,056 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट रिपोर्ट किया था. यह गिरावट मुख्य रूप से JLR के प्रदर्शन में आई भारी सुस्ती और उत्पादन बाधित होने के कारण हुई, जिसने तिमाही की ऑपरेशनल क्षमता को कमजोर किया.
रेवेन्यू में दोहरे अंकों की गिरावट
कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू घटकर 71,714 करोड़ रुपये रह गया है, जो सालाना आधार पर 13.4% की गिरावट दर्शाता है. वहीं, सीक्वेंशियली (Q-o-Q) भी रेवेन्यू में 18% की कमी आई. इसके अलावा EBITDA के स्तर पर कंपनी को 1,404 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 9,914 करोड़ रुपये का EBITDA प्रॉफिट रिपोर्ट किया था. यह गिरावट असल में कॉस्ट कंट्रोल में कमजोरी, वॉल्यूम्स में कमी और JLR की दिक्कतों की वजह से आई है.
JLR पर साइबर अटैक का बड़ा असर
Jaguar Land Rover (JLR) इस तिमाही के दौरान कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया. सितंबर में हुए बड़े साइबर अटैक की वजह से कई दिनों तक उत्पादन बंद रहा, जिसका सीधा असर तिमाही प्रदर्शन पर पड़ा. JLR का रेवेन्यू 24.3% गिरकर 4.9 अरब पाउंड रह गया, जबकि EBIT मार्जिन 5.1% से लुढ़ककर –8.6% तक पहुंच गया. कंपनी को तिमाही में 55.9 करोड़ पाउंड का घाटा हुआ है. इसके अलावा पुराने Jaguar मॉडलों की वाइंड-डाउन, US टैरिफ प्रेशर और डिमांड सुस्ती ने भी JLR के प्रदर्शन में गिरावट को और गहरा किया. इन परिस्थितियों में कंपनी ने FY26 के लिए EBIT गाइडेंस घटाकर 0–2% कर दिया है.
घरेलू PV और EV बिजनेस में रिकवरी
भारतीय बाजार में TMPV को स्थिरता और रिकवरी देखने को मिली. GST कटौती और फेस्टिव सीजन ने PV और EV दोनों सेगमेंट की बिक्री को उछाल दिया. कंपनी ने Q2FY26 में कुल 1.44 लाख यूनिट की बिक्री की, जो सालाना आधार पर 11% अधिक है. घरेलू PV रेवेन्यू बढ़कर 13,500 करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें 15.6% की ग्रोथ दर्ज की गई. हालांकि EBITDA मार्जिन 5.8% पर रहा, जो साल-दर-साल 40 बेसिस पॉइंट कम है, लेकिन सीक्वेंशियली इसमें सुधार देखने को मिला.
EV पोर्टफोलियो की तेज रफ्तार
इलेक्ट्रिक वाहन कारोबार ने कंपनी के घरेलू प्रदर्शन को मजबूती दी. Harrier.ev लॉन्च की जोरदार प्रतिक्रिया और Nexon.ev की स्थिर डिमांड ने EV सेगमेंट को गति दी. तिमाही में EV वॉल्यूम्स लगभग 60% की सालाना ग्रोथ के साथ नए स्तर पर पहुंच गए. EV की हिस्सेदारी बढ़ने से कंपनी को मार्केट शेयर स्थिर रखने में मदद मिली.
सप्लाई चेन को स्थिर करने पर जोर
साइबर अटैक के बाद कंपनी को सप्लाई चेन और प्रोडक्शन नेटवर्क को स्थिर करने के लिए कई कदम उठाने पड़े. उत्पादन को वापस शुरू किया गया और डीलर नेटवर्क को सक्रिय रखने के लिए पार्ट्स लॉजिस्टिक्स और रिटेल सपोर्ट को प्राथमिकता दी गई. सप्लायरों की मदद के लिए 50 करोड़ पाउंड का फाइनेंसिंग सपोर्ट पैकेज तैयार किया गया, जिससे उत्पादन के लिए लिक्विडिटी सुनिश्चित की जा सके.
आगे की रणनीति और कंपनी का आउटलुक
कंपनी को उम्मीद है कि H2FY26 में घरेलू बाजार से मिलने वाला सपोर्ट, नए मॉडल लॉन्च और बेहतर मांग माहौल ऑपरेशनल प्रदर्शन को मजबूत करेंगे. TMPV उत्पादन स्थिरता, लागत नियंत्रण, मार्जिन सुधार और नए मॉडलों की लॉन्चिंग पर फोकस्ड है. कंपनी EV लाइन-अप को और बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी का मानना है कि सही प्रोडक्ट मिक्स और कॉस्ट एफिशिएंसी के साथ उसके प्रदर्शन में आने वाली तिमाहियों में सुधार संभव है.