NTPC Green, RVNL सहित इन 11 कंपनियों से छिन सकता है लार्जकैप का तमगा, जानें क्या होगा इसका असर
कुछ लार्जकैप शेयरों को मिडकैप में बदला जा सकता है. यह बदलाव अगस्त 2025 से लागू होगा. लार्जकैप की सीमा अब लगभग 91,600 करोड़ रुपये हो सकती है. यह पहले 1 लाख करोड़ रुपये थी. मिडकैप की सीमा 30,700 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है. यह पहले 33,200 करोड़ रुपये थी. इसका मतलब है कि जिन कंपनियों का मार्केट कैप इस नई सीमा से कम होगा, उन्हें मिडकैप में डाला जा सकता है.

Large Cap to Mid cap: भारत में म्यूचुअल फंड्स की संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) हर छह महीने पर कंपनियों को उनकी मार्केट वैल्यू के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटती है. पहला लार्ज कैप, दूसरा मिड कैप और तीसरा स्मॉल कैप. नुवामा अल्टरनेटिव रिसर्च के अनुसार, इस बार कुछ लार्जकैप शेयरों को मिडकैप में बदला जा सकता है. यह बदलाव अगस्त 2025 से लागू होगा.
नुवामा के अनुमान के मुताबिक, लार्जकैप की सीमा अब लगभग 91,600 करोड़ रुपये हो सकती है. यह पहले 1 लाख करोड़ रुपये थी. मिडकैप की सीमा 30,700 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है. यह पहले 33,200 करोड़ रुपये थी. इसका मतलब है कि जिन कंपनियों का मार्केट कैप इस नई सीमा से कम होगा, उन्हें मिडकैप में डाला जा सकता है.
कौन सी कंपनियां बन सकती हैं मिडकैप से लार्जकैप?
रेल विकास निगम (RVNL) अभी इसका मार्केट कैप 82,410 करोड़ रुपये है. यह लार्जकैप से मिडकैप में जा सकती है. |
हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) इसका मार्केट कैप 86,423 करोड़ रुपये है. यह भी मिडकैप में आ सकती है. |
इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) इसका मार्केट कैप 73,849 करोड़ रुपये है. इसे भी मिडकैप में डाला जा सकता है. |
कमिंस इंडिया (Cummins India) इसका मार्केट कैप 92,624 करोड़ रुपये है. यह लार्जकैप से मिडकैप में जा सकती है. |
स्विगी (Swiggy) इसका मार्केट कैप 1.01 लाख करोड़ रुपये है. यह भी मिडकैप में आ सकती है. |
पॉलीकैब इंडिया (Polycab India) इसका मार्केट कैप 97,798 करोड़ रुपये है. इसे मिडकैप में बदला जा सकता है. |
बॉश (Bosch) इसका मार्केट कैप 95,123 करोड़ रुपये है. यह भी मिडकैप में जा सकती है. |
ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस (ICICI Prudential Life Insurance) इसका मार्केट कैप 93,718 करोड़ रुपये है. यह भी मिडकैप में आ सकती है. |
डाबर इंडिया (Dabur India) इसका मार्केट कैप 86,183 करोड़ रुपये है. इसे मिडकैप में डाला जा सकती है. |
जेएसडब्ल्यू एनर्जी (JSW Energy) इसका मार्केट कैप 91,320 करोड़ रुपये है. यह भी मिडकैप में जा सकती है. |
NTPC ग्रीन एनर्जी (NTPC Green) इसका मार्केट कैप 89,276 करोड़ रुपये है. इसे भी मिडकैप में बदला जा सकता है. |
इसका क्या मतलब है?
अगर किसी कंपनी का मार्केट कैप लार्जकैप की नई सीमा से कम हो जाता है तो उसे मिडकैप में डाला जा सकता है. यह बदलाव निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि म्यूचुअल फंड्स और निवेशक अपनी रणनीति इसके आधार पर बनाते हैं. अगर आप इनमें से किसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं तो इस बदलाव पर नजर रखें. मिडकैप शेयरों में जोखिम और रिटर्न दोनों ज्यादा हो सकते हैं. इसलिए, अपने निवेश को समझदारी से चुनें और जरूरत हो तो विशेषज्ञ से सलाह लें.
ये भी पढ़े: Mazagon, Mankind Pharma समेत ये 10 मिडकैप स्टॉक्स बनेंगे लार्ज कैप, अभी समझ लें रिस्क और रिटर्न का गणित
Latest Stories

Raymond के शेयरों में जबरदस्त तेजी, Realty डिवीजन की लिस्टिंग से पहले 15% उछला भाव

फिर रफ्तार के एक्सप्रेसवे पर लौटेगा टाटा मोटर्स का शेयर? ऐसे बैरियर ने यूटर्न को किया था मजबूर

Closing Bell: निफ्टी 25500 के करीब और सेंसेक्स 460 अंक गिरकर बंद, पीएसयू बैंकों के शेयर चमके
