क्रिप्टो करेंसी की आड़ में ठगे जा रहे थे करोड़ों रुपये, लखनऊ पुलिस ने पकड़ा गिरोह

इबर फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. ठग अलग-अलग तरीके से लोगों को अपना निशाना बना रहे है. इसी कड़ी में ठग अब क्रिप्टो करेंसी के जरिए मासूम लोगों को अपना निशाना बना रहे है. लखनऊ पुलिस ने ऐसे ही क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है.

क्रिप्टो Image Credit: Money9live/Canva

Cyber Crime: साइबर फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. ठग अलग-अलग तरीके से लोगों को अपना निशाना बना रहे है. इसी कड़ी में ठग अब क्रिप्टो करेंसी के जरिए मासूम लोगों को अपना निशाना बना रहे है. लखनऊ पुलिस ने ऐसे ही क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह ने USDT नाम की क्रिप्टो करेंसी के जरिए करीब 80 लाख रुपये की ठगी की. पुलिस ने शनिवार को शहर के अलग-अलग हिस्सों से आठ लोगों को गिरफ्तार किया. इनके खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (BNS) और IT एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

दो महीनों में 75-80 लाख रुपये की ठगी

पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव की अगुवाई में एक टीम ने कार्रवाई की. इस ऑपरेशन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी निगरानी की. गिरोह के लोग विदेशी हैंडलर्स के साथ मिलकर काम कर रहे थे. वे फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग के जरिए पैसे इकट्ठा करते थे. पिछले दो महीनों में इस गिरोह ने 75-80 लाख रुपये की ठगी की. ये लोग टेलीग्राम चैनलों का इस्तेमाल करते थे, जिन्हें चीनी हैंडलर्स चलाते थे. ये लेनदेन TRC-20 नेटवर्क पर होते थे, जिससे पुलिस को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था.

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गिरोह का तरीका बहुत चालाक था. ये लोग स्थानीय लोगों को कमीशन देकर उनके बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे. इन खातों में NEFT, RTGS, या IMPS के जरिए पैसे जमा करवाए जाते थे. फिर उसी दिन ये पैसे नकद निकाल लिए जाते और क्रिप्टो ब्रोकर्स को दे दिए जाते. ये ब्रोकर्स बिना KYC वाले P2P वॉलेट्स से USDT खरीदते थे, जिन्हें ट्रैक करना लगभग असंभव है. पूछताछ में आरोपियों ने खुद को क्रिप्टो ट्रेडर बताया, लेकिन कोई रिकॉर्ड या KYC दस्तावेज नहीं दिखा सके.

निवेश करते समय सावधान रहना चाहिए

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करते समय सावधान रहना चाहिए। हमेशा KYC और वैध एक्सचेंज का इस्तेमाल करें. अनजान टेलीग्राम चैनलों या P2P वॉलेट्स से बचें. अपने बैंक खाते की जानकारी किसी के साथ साझा न करें, वरना आप भी ठगी का शिकार हो सकते हैं. पुलिस ने इनके पास से 16 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, एक टैबलेट, 1.85 लाख रुपये नकद, 3 चेकबुक, एक पासबुक और 4 गाड़ियां बरामद कीं. साइबर क्राइम सेल अब अन्य खातों और क्रिप्टो वॉलेट्स की जांच कर रही है. जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

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