साइबर ठगों का ‘कॉरपोरेट स्ट्रक्चर’ 55 लोग गिरफ्तार, हरियाणा में 72.5 करोड़ लूटे, अब तक 18000 शिकार
देशभर में पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें 55 अपराधी और 18,000 से अधिक डिजिटल धोखाधड़ी के मामले जुड़े पाए गए. फर्जी निवेश, सोशल मीडिया जाल, और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे अपराधों में शामिल इन गिरोहों ने करीब 72.5 करोड़ रुपये की ठगी की. राजस्थान, यूपी और दिल्ली से सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं.
Cyber fraud: हरियाणा पुलिस ने गुरुग्राम में एक बड़े साइबर आपराधी गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इससे जुड़े 55 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर पूरे देश में 18000 से ज्यादा साइबर ठगी का आरोप है. जिसमें से अकेले हरियाणा में ही 48 केस हैं जिनमें कुल 72.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई है. ये गिरोह लोगों को फर्जी निवेश के नाम पर, डिजिटल अरेस्ट और सोशल मीडिया हनीट्रैप जैसे हथकंडों से ठगी करते थे और इसका लिंक विदेश में अपराधी गैंगों से भी बताया जा रहा है.
पूरे देश में फैला है ठगी का जाल
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस की कार्रवाई में 21 मोबाइल फोन, 11 सिम कार्ड, कई एटीएम, पासबुक और करीब 30 लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं. इस गैंग के लोग पूरे देश में लोगों को अपना निशाना बनाते थे. पुलिस कार्रवाई में पिछले चार महीने में राजस्थान में सबसे ज्यादा 177, यूपी में 172 और दिल्ली में कुल 96 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस गैंग के लोग एक संगठित सिस्टम के तहत काम करते थे जिसमें हैंडलर, सोशल मीडिया बैट और बैंक अकाउंट म्यूल शामिल थे.
फर्जी निवेश के नाम पर करते थे ठगी
इस गैंग के लोग ठगी के लिए लोगों के लालच, डर और इमोशनल ब्लैकमेल से फंसाते थे लेकिन इनका मुख्य हथियार फर्जी निवेश के नाम पर लोगों को फंसाना था. इस तरीके से ये अपनी ठगी का 30-40 फीसदी हिस्सा कमाते थे. गैंग ने कई छात्रों, महिलाओं और छोटे दुकानदारों के बैंक अकाउंट को पैसा देकर खरीदा जिसमें यह लोग ठगी का पैसा मंगाते थे. पुलिस की कार्रवाई में एक CA गिरोह भी पकड़ा गया है जो बैंक अकाउंट खरीदकर टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर उन्हें बेच देता था.
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विदेशों से चल रहे हैं साइबर सिंडिकेट्स
पुलिस जांच में सामने आया है कि कई गिरोह दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे कंबोडिया, लाओस, वियतनाम और दुबई से चल रहे थे. इनका स्ट्रक्चर किसी कॉरपोरेट कंपनी जैसा है जिसमें हर ठग की भूमिका तय होती है. यह गैंग इतना प्रोफेशनल तरीके से ठगी करता है कि पुलिस को भी अकाउंट को ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है.
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