लाओस ‘चैटिंग स्कैम’ के तार भारत तक, युवाओं को ऐसे जाल में फंसाते हैं साइबर ठग, बचने का ये है तरीका
मुंबई एयरपोर्ट पर पार्थकुमार चौहान को गिरफ्तार किया गया, जो गुजरात के दो युवकों को आईटी नौकरी का झांसा देकर लाओस में साइबर स्लेवरी में धकेलने की कोशिश कर रहा था. पुलिस ने उन्हें वियतनाम होते हुए लाओस ले जाने से पहले पकड़ लिया. जांच में पता चला कि आरोपी पहले भी लाओस जाकर कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को फर्जी क्रिप्टो स्कैम में फंसा चुका है.
Cyber Fraud Human Trafficking: महाराष्ट्र पुलिस ने सोमवार को मुंबई एयरपोर्ट पर साइबर अपराधी पार्थकुमार चौहान को गिरफ्तार किया. उसकी गिरफ्तारी दो युवकों को लाओस ले जाकर साइबर स्लेवरी कराने के मामले में हुई है. आरोप है कि गुजरात के दो युवक यश प्रजापति और अरुण जिंजाला को फर्जी नौकरी का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया. इसके बाद उसकी योजना इन्हें वियतनाम ले जाने की थी, उसके बाद पूरी दुनिया में साइबर अपराध के लिए बदनाम लाओस ट्रायंगल में ले जाकर के साइबर स्लेवरी कराने की थी जहां इन लोगों से दुनिया के अलग अलग देशों के लोगों से ऑनलाइन फ्रॉड कराया जाता.
आईटी नौकरी के नाम पर दिया झांसा
द फ्री प्रेस जनरल के रिपोर्ट के मुताबिक, पार्थकुमार ने दोनों युवकों को लाओस में एक आईटी कंपनी में अच्छी नौकरी के नाम पर झांसा दिया. चौहान पहली बार दिसंबर 2022 में दुबई के एजेंट के जरिए लाओस गया था और 2023 की शुरुआत में लौटा. वह दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक दोबारा लाओस में रहा और कथित तौर पर फिर वही साइबर फ्रॉड किया.
गोलमोल जवाब से पुलिस को हुआ शक
मुंबई एयरपोर्ट पर जांच के दौरान पुलिस को दोनों पीड़ितों पर शक हुआ. पुलिस ने जब जांच की तो वे कोई एक जवाब नहीं दे पा रहे थे. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों को सुरक्षित बचा लिया है और चौहान के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. डीसीपी मनीष कलवानिया ने बताया कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसके यात्रा रिकॉर्ड भी सीमित हैं. मामले की जांच जारी है.
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इन देशों के लोगों को बनाते निशाना
पुलिस ने बताया कि इन दोनों युवकों को लाओस ले जाकर वहां पर चैटिंग स्कैम कराया जाता. इसमें अलग अलग देशों के लोगों से चैट के माध्यम से संपर्क किया जाता और फिर उनकी वित्तीय जानकारी चुराकर के ठगी की जाती थी. इस मामले में गिरफ्तार चौहान पहले भी यह काम कर चुका है जहां पर वह कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को फर्जी क्रिप्टो स्कैम के नाम पर फंसाता रहा है.