एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में बड़ी मंजूरी, जल्द शुरू हो सकती हैं सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं

भारत में इंटरनेट का भविष्य अब और रोचक मोड़ लेने वाला है. एक ग्लोबल टेक दिग्गज ने भारत के दूरसंचार क्षेत्र में कदम रखने की तैयारी कर ली है. रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है और जल्द बड़ा ऐलान हो सकता है…

स्टारलिंक को भारत में मिला काम Image Credit: @Tv9

अमेरिका के पॉलिटिक्स में फंसे मस्क को भारत से एक राहत की खबर मिली है. टेस्ला और स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत सरकार से एक अहम मंजूरी मिल गई है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के दूरसंचार मंत्रालय ने स्टारलिंक को देश में सेवाएं शुरू करने के लिए जरूरी ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस दे दिया है. यह मंजूरी कंपनी के लिए भारत में व्यावसायिक संचालन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.

अब भारत में तीन सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियां सक्रिय

इस मंजूरी के साथ ही स्टारलिंक अब भारत की तीसरी कंपनी बन गई है जिसे यह लाइसेंस मिला है. इससे पहले यूटेलसैट की वनवेब और रिलायंस जियो को भी भारत सरकार की ओर से सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाओं के लिए मंजूरी मिल चुकी है. इस लाइसेंस के तहत ये कंपनियां भारत के दूरदराज और इंटरनेट से वंचित इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती हैं.

3 साल से था मंजूरी का इंतजार

स्टारलिंक बीते 3 सालों से भारत सरकार से मंजूरी का इंतजार कर रही थी. साल 2022 में देश में कमर्शियल ऑपरेशन करने की मंजूरी की चर्चा पहली दफा हुई थी लेकिन नेशनल सिक्योरिटी के मद्देनजर ये टलते गया. भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए अमेजन की कुइपर को अभी भी लाइसेंस का इंतजार है.

यह भी पढ़ें: मस्क की तिजोरी से 9 लाख करोड़ गायब! ट्रंप की दोस्ती पड़ी भारी; चीन से यूरोप तक हिल गया साम्राज्य

हाल के महीनों में, मस्क की कंपनी स्टारलिंक और अरबपति मुकेश अंबानी की कंपनी जियो में भी काफी तकरार हुआ है. दोनों कंपनियां इस बात पर भिड़ गई है कि देश को सैटेलाइट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम कैसे देना चाहिए. हालांकि भारत सरकार का फैसला मस्क के पक्ष में गया है, सरकार का मानना है कि स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाना चाहिए न कि नीलाम किया जाना चाहिए.