अब सेल्फी जितना आसान हो गया है ब्लड टेस्ट, न सुई की जरूरत, न खून देने की; सिर्फ 20 सेकंड में मिलेगी रिपोर्ट!

हैदराबाद के निलोफर अस्पताल ने एक AI- आधारित टेक्नॉलाजी लॉन्च किया है जो बिना सुई के एक मिनट से भी कम समय में ब्लड टेस्ट करता है. यह देश में अपनी तरह की पहली तकनीक है. ऐसे में आइए जानते हैं कैसे करता है यह काम, क्या हैं इसकी खासियत और कौन सी टेस्ट में है कारगर.

सेल्फी जितना आसान ब्लड टेस्ट Image Credit: social media

India’s first AI-based blood test: अब हमारे जीवन का शायद ही कोई पहलू बचा हो जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने अपनी मौजूदगी न दर्ज कराई हो. बच्चों की पढ़ाई हो या बुजुर्गों की दवाइयां, हर जगह AI का दखल बढ़ता जा रहा है. इसी तकनीकी बदलाव का ताजा उदाहरण हैदराबाद के निलोफर हॉस्पिटल में देखने को मिला है. दरअसल अब ब्लड टेस्ट के लिए न खून देने की जरूरत है और न ही घंटों रिपोर्ट का इंतजार करने की. सिर्फ 20 से 60 सेकंड में न केवल टेस्ट हो जाएगा, बल्कि रिपोर्ट भी आपके पास होगी.

कैसे करता है काम

यह तकनीक Photoplethysmography (PPG) पर आधारित है. यह स्किन से गुजरने वाली लाइट के बदलते पैटर्न को पहचानकर शरीर की स्थिति की जांच करती है. इस टूल का नाम ‘अमृत स्वस्थ भारत’ है. यह एक मोबाइल ऐप है जो सिर्फ चेहरे को स्कैन करके शरीर के कई जरूरी हेल्थ पैरामीटर्स की जांच कर सकता है.

बिना खून लिए कैसे होता है टेस्ट?

इस ऐप में कैमरे से चेहरा स्कैन करना होता है, ठीक वैसे जैसे हम सेल्फी लेते हैं. जब कैमरा आपकी त्वचा से गुजरने वाली रोशनी में होने वाले बदलाव को रिकॉर्ड करता है, तो उसी के आधार पर शरीर के अलग-अलग पैरामीटर का पता चलता है. इस प्रोसेस में कहीं भी खून लेने की जरूरत नहीं होती है. इसे Photoplethysmography (PPG) कहते हैं. स्कैनिंग के दौरान जो डेटा मिलता है, उसी के आधार पर यह ब्लड टेस्ट करता है.

ये टेस्ट भी करता है

चेहरे की स्कैनिंग के दौरान केवल ब्लड टेस्ट ही नहीं, बल्कि कई दूसरे टेस्ट भी किए जा सकते हैं, इनमें

बिल्कुल सेल्फी जितना आसान

यह टेस्ट लेना बिल्कुल सेल्फी लेने जितना आसान है. इसके तहत जब आप कैमरे के सामने चेहरा रखते हैं, तो यह तकनीक आपकी त्वचा के रास्ते जाने वाली रोशनी में बदलाव को पकड़ लेती है और उसी से स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां निकालती है. इस तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह तकनीक में निपुण हो या नहीं, इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. यह खासतौर पर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है, जहां लैब या अस्पतालों तक पहुंचना मुश्किल होता है.

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