सस्ते फ्लैट के चक्कर में फंसे, 6 साल तक 215 बार पैसे भेजे, 1.07 करोड़ डूबे; साइबर ठग ने ऐसे किया खेल

मुंबई के दादर निवासी 43 वर्षीय शेखर पाटिल को सस्ते फ्लैट का लालच देकर 1.07 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का शिकार बनाया गया. आरोपी सान्यंम देवमणि पांडे ने 2018 से 2024 के बीच 215 बार पैसों की मांग कर ठगी की. फर्जी फेसबुक पेज और ईमेल के जरिए आरोपी ने पाटिल को सस्ते 2BHK फ्लैट का झांसा दिया. साइबर सेल ने मामले की जांच कर आरोपी को ठाणे के बदलापुर से गिरफ्तार कर लिया है.

मुंबई में 1.07 करोड़ रुपये का साइबर ठगी का मामले सामने आया है. Image Credit:

Cheap Flat Scam: मुंबई के दादर इलाके में रहने वाले एक 43 वर्षीय व्यक्ति के साथ सस्ते फ्लैट का लालच देकर साइबर ठगी की गई. आरोपी ने सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन दिखाकर व्यक्ति को झांसे में लिया और अलग अलग बहानों से कुल 1.07 करोड़ रुपये वसूल लिए. शिकायत के बाद साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए ठाणे जिले के बदलापुर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस को शक है कि इस मामले में और भी पीड़ित हो सकते हैं.

फेसबुक से शुरू हुआ धोखाधड़ी

द फ्री प्रेस जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित शेखर पाटिल एक 2BHK फ्लैट खरीदना चाहते थे. फेसबुक पर स्क्रॉल करते समय उन्हें एक पेज पर सस्ते फ्लैट का विज्ञापन दिखा. उन्होंने उस पेज पर दिए गए ईमेल पर संपर्क किया. आरोपी ने खुद को बिल्डर का एजेंट बताकर भरोसा दिलाया और उनसे एक फार्म भरवाया जिसमें व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई.

215 बार पैसे वसूलकर बनाया शिकार

आरोपी ने शुरुआत में रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 50 हजार रुपये मांगे. इसके बाद उसने अलग अलग फर्जी दस्तावेजों जैसे म्हाडा क्लियरेंस, बीएमसी एनओसी आदि के नाम पर बार बार पैसे की मांग की. पीड़ित ने 2018 से 2024 के बीच कुल 215 ट्रांजेक्शन में 1.07 करोड़ रुपये दे दिए लेकिन उसे कोई फ्लैट नहीं मिला.

साइबर सेल ने आरोपी को किया गिरफ्तार

पीड़ित ने जब धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो उसने 3 जून 2025 को साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. जांच के दौरान पुलिस ने ईमेल, बैंक अकाउंट, फेसबुक पेज और आईपी लॉग की मदद से आरोपी सान्यंम देवमणि पांडे को ट्रेस किया और बदलापुर से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने फ्लैट बेचने के नाम पर फर्जी फेसबुक पेज बनाया था और लोगों से पैसे ठगे थे.

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पुलिस को और पीड़ितों की तलाश

साइबर सेल की जांच अब भी जारी है. पुलिस को शक है कि आरोपी ने इसी तरीके से और लोगों को भी अपना शिकार बनाया होगा. लोगों को सलाह दी गई है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाले किसी भी सस्ते ऑफर पर बिना जांच किए पैसे न भेजें.