कॉल सेंटर से फ्रॉड कर रहे थे साइबर अपराधी, WhatsApp- टेलीग्राम पर लोगों को इस तरह बनाते थे निशाना

लखनऊ पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया, जो व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सट्टा ऐप्स जैसे Reddy Anna के जरिए साइबर ठगी में लिप्त था. यह रैकेट दुबई से ऑपरेट होने वाला बहुस्तरीय स्कैम था, जिसने भारतभर में 1000 से अधिक लोगों को करोड़ों का चूना लगाया.

लखनऊ पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया. Image Credit: FREE PIK

Fraudulent Call Centre: लखनऊ पुलिस ने एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा किया है जिसमें एक फर्जी कॉल सेंटर के जरिये देशभर के 1000 से ज्यादा लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगाई गई. यह गिरोह व्हाट्सएप, टेलीग्राम और रेड्डी अन्ना जैसे सट्टा ऐप्स के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन कमाई के झांसे में फंसाता था. यह पूरा नेटवर्क लखनऊ के वृंदावन योजना स्थित एक रिहायशी टावर से चल रहा था जबकि इसका मास्टरमाइंड दुबई समेत कई देशों से इसे ऑपरेट कर रहा था. पुलिस ने छापेमारी कर 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से दर्जनों डिवाइस, पासबुक और अन्य डाक्यूमेंट जब्त किए हैं.

व्हाट्सएप और टेलीग्राम से फंसाते थे जाल में

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरोह के सदस्य सबसे पहले व्हाट्सएप पर ऑनलाइन कमाई जैसे वीडियो लाइक, रिव्यू और कमीशन बेस्ड टास्क के मैसेज भेजते थे. जो लोग इसमें रुचि दिखाते थे, उन्हें टेलीग्राम ग्रुप या बोट में जोडा जाता था. वहां पूरी बातचीत एन्क्रिप्टेड होती थी जिससे स्कैमर्स की पहचान न हो सके. शुरू में छोटे भुगतान कराकर भरोसा बनाया जाता था.

रेड्डी अन्ना जैसे सट्टा ऐप से वसूली

जब लोग भरोसा करने लगते थे, तो उनसे बडे अमाउंट में पैसा जमा करवाया जाता था और कहा जाता था कि इससे उन्हें अधिक रिटर्न मिलेगा. पैसे जमा करने के बाद या तो उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता था या फिर बैलेंस में घाटा दिखाया जाता था. यह पैसा फर्जी खातों और क्रिप्टो वॉलेट्स में ट्रांसफर कर दिया जाता था.

दुबई से चल रहा था ऑपरेशन

इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड विशाल यादव उर्फ गन्नी उर्फ प्रिंस बताया जा रहा है जो दुबई, श्रीलंका और सिंगापुर से अपनी लोकेशन बदलते हुए ऑपरेशन चला रहा था. वह वर्चुअल नंबर, वीओआईपी और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करता था जिससे उसकी पहचान और लोकेशन ट्रैक करना मुश्किल हो.

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पुलिस ने जब्त की अहम डिजिटल जानकारी

पुलिस ने मौके से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, पासबुक और चेक बुक जब्त की हैं जिनसे 69 केस सीधे जुड़े हुए हैं और 157 केसों की जानकारी इन दस्तावेजों से मिली है. आरोपी लगातार डिवाइस बदलते थे और लोकेशन भी बदलते रहते थे ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके.