Youtube का नया फीचर, ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेंगे अलग-अलग विज्ञापन; कई भाषाओं में उपलब्ध होगा कंटेंट

यूट्यूब की ये नई सुविधाएं विज्ञापनदाताओं और क्रिएटर्स के लिए नए मौके खोल रही हैं. यह भारत में डिजिटल विज्ञापन को और प्रभावी बनाएगा, खासकर त्योहारी सीजन में. ये सारी सुविधाएं भारत में यूट्यूब को और लोकप्रिय बनाने में मदद करेंगी. खासकर गांवों में, जहां डिजिटल पहुंच बढ़ रही है, ये कदम ब्रांड्स और क्रिएटर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं.

यूट्यूब Image Credit: Timon Schneider/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

Youtube new features: यूट्यूब ने गुरुवार को भारत के लिए कई नई सुविधाएं शुरू कीं. इनमें शहरों और गांवों के लिए अलग-अलग विज्ञापन, क्रिएटर पार्टनरशिप हब, और AI की मदद से पीक पॉइंट्स जैसी खासियतें शामिल हैं. ये कदम भारत में त्योहारी सीजन के दौरान विज्ञापन खर्च बढ़ाने और डिजिटल अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव माने जा रहे हैं.

शहर और गांव के लिए अलग विज्ञापन

सबसे खास है शहर और गांव के लिए अलग-अलग विज्ञापन की सुविधा. अब विज्ञापन देने वाले लोग पहली बार शहरों और गांवों के दर्शकों के लिए अलग-अलग विज्ञापन चला सकेंगे. एक बड़ी FMCG कंपनी ने गांवों में इसकी टेस्टिंग की और अच्छे नतीजे पाए. यूट्यूब का कहना है कि भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग हर दिन औसतन 72 मिनट यूट्यूब पर बिताते हैं. अप्रैल 2025 तक, 75 मिलियन से ज्यादा लोग कनेक्टेड टीवी (CTV) के जरिए यूट्यूब देख रहे थे. यह नई सुविधा गांवों में डिजिटल पहुंच को और मजबूत करेगी.

यूट्यूब ने भारत में विज्ञापनदाताओं के लिए अपनी सबसे बड़ी पेशकश की है. कंपनी का कहना है कि वह अब भारत का “नया टीवी” है. ब्रांडकास्ट इवेंट में कहा कि यह सिर्फ डिजिटल वीडियो प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि भारत में टीवी की तरह बड़ा मंच बनना चाहता है. इन सुविधाओं में एआई टूल्स जैसे वीओ 3 और पीक पॉइंट्स, कनेक्टेड टीवी के लिए नया इमर्सिव मास्टहेड, और ब्रांड्स को क्रिएटर्स से जोड़ने वाला क्रिएटर पार्टनरशिप हब शामिल हैं. सबसे खास बात यह है कि यूट्यूब ने भारत में पहली बार एक ऐसी सुविधा शुरू की, जिससे विज्ञापनदाता शहरी और ग्रामीण दर्शकों को अलग-अलग तरीके से टारगेट कर सकते हैं.

क्रिएटर पार्टनरशिप हब

इसके अलावा, इस साल के अंत तक गूगल विज्ञापन में क्रिएटर पार्टनरशिप हब शुरू होगा. यह हब ब्रांड्स और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच सहयोग को आसान बनाएगा. इसमें पार्टनरशिप विज्ञापनों और स्पॉन्सर्ड वीडियो को खोजने की सुविधा होगी. शुरुआती दौर में स्विगी इंस्टामार्ट और कुछ बड़ी FMCG कंपनियों ने गूगल के एआई टूल्स की मदद से कई भारतीय भाषाओं में विज्ञापन बनाए. इन टूल्स ने हफ्तों का काम कुछ घंटों में पूरा कर दिया.

टीवी अभी भी 80 करोड़ लोगों तक पहुंचता है, जबकि यूट्यूब का कनेक्टेड टीवी 7.5 करोड़ लोगों तक. ग्रुपM के मुताबिक, 2024 में भारत में डिजिटल विज्ञापन पर 52 फीसदी खर्च हुआ, जबकि टीवी पर 36 फीसदी.

सीटीवी मास्टहेड

यूट्यूब ने सीटीवी मास्टहेड भी शुरू किया है. यह यूट्यूब का सबसे बड़ा विज्ञापन स्थान है, जो टीवी स्क्रीन पर सिनेमाई अनुभव देगा. यह विज्ञापन ब्रांड्स को बड़ी स्क्रीन पर दर्शकों तक पहुंचने में मदद करेगा. यूट्यूब का सबसे नया कदम है “पीक पॉइंट्स”. यह गूगल के जेमिनी एआई पर आधारित है. यह सुविधा वीडियो में उन पलों को पहचानती है जब दर्शक सबसे ज्यादा भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं और उसी समय विज्ञापन दिखाती है. मई 2025 में ब्रांडकास्ट इवेंट में इसकी घोषणा हुई थी. यह सुविधा 2026 तक भारत में शुरू होगी. इससे विज्ञापनों पर क्लिक बढ़ने और क्रिएटर्स की कमाई बढ़ने की उम्मीद है.

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