भारत पर ट्रंप के टैरिफ को लेकर चीन ने अमेरिका पर साधा निशाना, इजरायल के PM नेतन्याहू ने भी कह दी बड़ी बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले पर चीन के राजदूत शू फीहोंग ने कड़ा विरोध जताया है. दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि भारत और अमेरिका को इस टैरिफ मुद्दे को सुलझाना चाहिए.
Trump tarrif Reaction: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले पर चीन के राजदूत शू फीहोंग ने कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने इसे धमकाने वाली नीति करार दिया. दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि भारत और अमेरिका को इस टैरिफ मुद्दे को सुलझाना चाहिए, क्योंकि यह दोनों देशों के हित में होगा. दरअसल, चीन के राजदूत शू फीहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक टेम्प्लेट पोस्ट किया कि अमेरिका टैरिफ को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है. टैरिफ का हथियार बनाकर दूसरों को दबाना संयुक्त राष्ट्र के नियमों और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के खिलाफ है.
भारत-अमेरिका व्यापार बातचीत में रुकावट
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत चल रही थी, लेकिन पांच दौर की चर्चा के बाद यह रुक गई. भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र को खोलने और रूस से तेल खरीदने को रोकने जैसे मुद्दों पर असहमति के कारण यह बातचीत विफल रही. ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया गया है और चीन जैसे अन्य देशों पर भी ऐसा हो सकता है. उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध शुक्रवार तक खत्म नहीं हुआ, तो भारत चीन और तुर्की जैसे रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर एक्सट्रा टैरिफ लगाया जाएगा.
भारत ने दिया जवाब
भारत ने ट्रंप के इस कदम को अवैध और अनुचित बताया. भारत सरकार ने बयान जारी कर कहा कि भारत का तेल आयात बाजार की जरूरतों और 140 करोड़ लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता हैॉ. भारत ने कहा कि कई अन्य देश भी अपने हितों के लिए ऐसा कर रहे हैं, फिर भी अमेरिका ने भारत को निशाना बनायाॉ. भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात कही. भारत अपने कच्चे तेल का 88 फीसदी हिस्सा विदेशों से आयात करता है, जिसे पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है. साल 2021 तक रूस से तेल आयात सिर्फ 0.2 फीसदी था, लेकिन हाल के वर्षों में यह बढ़ा है.
इजरायल का रुख
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि भारत और अमेरिका को टैरिफ के मुद्दे को सुलझाना चाहिए. उन्होंने भारतीय राजदूत जे.पी. सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि भारत-इजरायल सहयोग को और बढ़ाया जा सकता है, खासकर सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्रों में. नेतन्याहू ने आतंकवाद से निपटने और खुफिया जानकारी साझा करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया.
क्या है पूरा मामला?
ट्रंप ने 30 जुलाई को भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया था और अब इसे बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया है. यह नया टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुका है, जबकि अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी होगा. यह कदम रूस से तेल खरीदने के कारण उठाया गया है. इससे पहले, चीन और अमेरिका के बीच भी टैरिफ को लेकर तनाव रहा.
अमेरिका ने 145 फीसदी तक टैरिफ लगाया, जबकि चीन ने इसे 125 फीसदी तक सीमित किया और कहा कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में हंसी उड़ेगी. ट्रंप ने इस साल के अंत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर व्यापार समझौता करने की योजना बनाई है. भारत ने इस मामले में साफ किया कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा. यह विवाद वैश्विक व्यापार और कूटनीति में नई बहस छेड़ सकता है.
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