FIIs की चाल से हिल रहा भारतीय शेयर बाजार, फरवरी के बाद अगस्त में बिकवाली का दबाव
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) इन दिनों भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय कर रहे हैं. जब FIIs खरीदारी करते हैं, बाजार ऊपर चढ़ता है और जब वे बिकवाली करते हैं, तो बाजार पर दबाव बढ़ जाता है. लगातार दो महीने की बिकवाली के बाद, अगर आने वाले समय में FIIs फिर से खरीदारी की ओर लौटते हैं, तो बाजार में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है.

भारतीय शेयर बाजार इन दिनों विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की चाल पर टिका हुआ है. जब FIIs जोरदार खरीदारी करते हैं, तो बाजार में तेजी देखने को मिलती है, और जैसे ही वे बिकवाली का रुख अपनाते हैं, बाजार पर दबाव बढ़ जाता है. पिछले कुछ महीनों में देखा जाए तो FIIs का मूड बार-बार बदल रहा है. अप्रैल और मई में मजबूती दिखाने के बाद, जून में भी खरीदारी रही, लेकिन जुलाई-अगस्त में फिर से बिकवाली का दबाव हावी है.
अगस्त और जुलाई में दबाव
अगस्त महीने में FIIs ने करीब 10,954 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली की है. इससे पहले जुलाई में भी उन्होंने 47,666 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. यही वजह है कि इस दौरान बाजार की चाल कमजोर रही और Advance/Decline Ratio क्रमशः 0.78x और 0.95x पर आ गया.
Advance/Decline Ratio – ट्रेंड की झलक
- (1 से ऊपर मतलब बाज़ार के लिए अच्छा, 1 से नीचे मतलब दबाव)
- अगस्त: 0.78x – दबाव
- जुलाई: 0.95x – हल्का दबाव
- जून: 1.09x – पॉजीटिव
- मई: 1.21x – मजबूत
- अप्रैल: 1.26x – मजबूत
- मार्च: 1.05x – हल्का पॉजिटिव
- फरवरी: 0.72x – भारी दबाव
- जनवरी: 0.90x – कमजोरी
जून और मई में रही मजबूती
जून में FIIs ने 7,488 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की थी और मई में 11,773 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इन महीनों में Advance/Decline Ratio भी 1 से ऊपर रहा. जून में 1.09x और मई में 1.21x. जो बाजार की मजबूती को दर्शाता है.
पहली तिमाही में मिला सपोर्ट
अप्रैल और मार्च में भी मामूली खरीदारी हुई, क्रमशः 2,735 करोड़ रुपये और 2,014 करोड़ रुपये की. फरवरी और जनवरी में हालांकि तस्वीर बिल्कुल अलग रही. फरवरी में FIIs ने 58,988 करोड़ रुपये और जनवरी में 87,374 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिकवाली की, जिससे बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई.
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FIIs लौटे तो आएगी तेजी
डेटा साफ दिखाता है कि FIIs का मूड बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा रहा है. लगातार दो महीने की बिकवाली के बाद, अगर आने वाले समय में FIIs फिर से खरीदारी की ओर लौटते हैं, तो बाजार में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है. लेकिन जब तक यह बदलाव नहीं आता, तब तक निवेशकों को सतर्क रहना होगा.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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