खाताधारक की हो गई मौत, तो पैसा निकालना होगा आसान, RBI ने नॉमिनी के लिए बदले नियम
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को नए निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों के अनुसार, मृतक खाताधारक के बैंक खातों या लॉकर से जुड़े दावों को अब जल्दी और सरल तरीके से निपटाया जाएगा. ऐसे मामलों में बैंक को पैसे देने के लिए किसी भी प्रकार के कानूनी दस्तावेज जैसे वसीयत, उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र या कोर्ट ऑर्डर की मांग नहीं करनी चाहिए.
अगर किसी बैंक खाताधारक की मृत्यु हो जाती है और उसका पैसा बैंक में जमा है, तो अब उसके परिवारवालों को बैंक से पैसा पाने के लिए कठिन और लंबी कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बैंकों को नए निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों के अनुसार, मृतक खाताधारक के बैंक खातों या लॉकर से जुड़े दावों को अब जल्दी और सरल तरीके से निपटाया जाएगा.
अगर मृतक ने अपने बैंक खाते में नॉमिनी का नाम पहले से दर्ज कर रखा है या खाता किसी और के साथ मिलकर खोला गया (Survivorship Clause के तहत) तो ऐसे मामलों में बैंक को पैसे देने के लिए किसी भी प्रकार के कानूनी दस्तावेज जैसे वसीयत, उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र या कोर्ट ऑर्डर की मांग नहीं करनी चाहिए.
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत?
ऐसे मामलों में केवल तीन दस्तावेज पर्याप्त होंगे इनमें क्लेम फॉर्म, डेथ सर्टिफिकेट, और नॉमिनी या साथ वाले व्यक्ति का लीगल आई़डी.
जिन खातों में नॉमिनी नहीं है, ना ही ज्वाइंट खाता, तब क्या होगा
आरबीआई ने अपने निर्देशों में कहा है कि अगर किसी अकाउंट में न तो कोई नॉमिनी है और न ही अकाउंट किसी और के साथ मिलकर खोला गया है, तो भी RBI ने बैंकों से कहा है कि परिवारवालों को पैसा देने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए. इसके लिए बैंक अपनी इंटरनल रिस्क पॉलिसी के अनुसार एक तय सीमा तक का पैसा दस्तावेजों के बिना दे सकते हैं. RBI ने कहा है कि यह सीमा कम से कम 15 लाख रुपये होनी चाहिए.
15 लाख से ज्यादा के दावे पर चाहिए होंगे डॉक्यूमेंट
अगर क्लेम की गई राशि 15 लाख रुपये से अधिक है, तो उस स्थिति में बैंक को उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र या अदालत से प्राप्त कोई वैध दस्तावेज मांगने का अधिकार रहेगा. साथ ही, मृतक के नाम से फ्यूचर में आने वाले किसी भी पेमेंट (जैसे पेंशन, ब्याज आदि) को लेकर बैंक परिवारवालों या नॉमिनी से एक सहमति पत्र (indemnity cum undertaking) ले सकेगा.
टर्म डिपॉजिट को लेकर भी आया है बड़ा बदलाव
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि अब से वे अपने अकाउंट ओपनिंग फॉर्म में यह साफ तौर पर उल्लेख करें कि अगर खाता रखने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी फिक्स्ड डिपॉजिट को समय से पहले तोड़ा जा सकता है, चाहे वह लॉक-इन अवधि में ही क्यों न हो.
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