WakeFit IPO का पहला दिन: तेज GMP के बीच एक्सपर्ट ने निवेशकों को किया सचेत, जानें क्या है इसमें दम?

बाजार में चर्चित WakeFit के IPO की शुरुआत निवेशकों की उत्सुकता के साथ हुई है. ग्रे मार्केट में प्रीमियम रफ्तार पकड़ रहा है, जबकि विशेषज्ञ अपने विश्लेषण साझा कर रहे हैं. क्या यह इश्यू संभावित रिटर्न दे सकता है या सावधानी बरतने की जरूरत है- पूरा अपडेट जानें.

Wakefit IPO Review Image Credit: Money9 Live

Wakefit IPO Review: बेंगलुरु की होम और फर्निशिंग कंपनी Wakefit Innovations लिमिटेड शेयर बाजार में दस्तक देने को तैयार है. दिसंबर 8 से 10 तक खुलने वाला यह IPO निवेशकों के बीच चर्चा में है क्योंकि कंपनी के ब्रांड को लोग पहचानते हैं, लेकिन विश्लेषकों की राय सीधे तौर पर सावधानी बरतने की है. कंपनी को लेकर बाजार में उत्साह और चेतावनी, दोनों मौजूद हैं, एक तरफ Grey Market Premium यानी GMP करीब 36 रुपये दिखा रहा है, जिससे संभावित लिस्टिंग प्राइस लगभग 231 रुपये तक पहुंच सकता है. दूसरी ओर, बाजार विशेषज्ञ आईपीओ का विश्लेषण करते हुए निवेशकों को अहम सलाह दे रहे हैं.

कंपनी की जड़ें और बिजनेस मॉडल

2016 में स्थापित Wakefit ने अपनी यात्रा मैट्रेस बेचने से शुरू की थी. धीरे-धीरे इसने फर्नीचर, फर्निशिंग और होम एक्सेसरीज में विस्तार किया. आज कंपनी इंडियाज लीडिंग D2C होम सॉल्यूशंस ब्रांड मानी जाती है. इसके प्रोडक्ट अपनी वेबसाइट, रिटेल स्टोर और Amazon, Flipkart जैसी ई-कॉमर्स साइट्स पर बेचे जाते हैं.

कंपनी के पांच मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं- दो बेंगलुरु में, दो होसुर में और एक सोनीपत में, जहां से देशभर का सप्लाई नेटवर्क चलता है. मार्च 2024 तक कंपनी का रेवेन्यू ₹1,000 करोड़ से ऊपर पहुंच चुका था.

IPO से जुटे पैसों का इस्तेमाल कहां होगा?

Wakefit IPO से कुल ₹1,289 करोड़ जुटाने की योजना है, जिसमें से ₹377 करोड़ ताजा शेयरों से और ₹912 करोड़ प्रमोटर्स व निवेशकों द्वारा शेयर बेचने से (OFS). IPO के बाद प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 43.7 प्रतिशत से घटकर लगभग 37 प्रतिशत रह जाएगी. यह संकेत है कि संस्थापक और शुरुआती निवेशक कुछ लाभ बुक कर रहे हैं.

कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल मुख्यतः विस्तार और ब्रांडिंग पर करेगी. इसमें 117 नए COCO स्टोर खोलने, मशीनरी खरीदने, स्टोर किराए और लाइसेंस फीस चुकाने के लिए कुल ₹207 करोड़, और विज्ञापन व मार्केटिंग पर ₹108 करोड़ खर्च करने की योजना है. शेष राशि सामान्य कारोबारी जरूरतों के लिए रहेगी.

IPO के मुख्य आंकड़े और वैल्यूएशन संकेत

Wakefit IPO का प्राइस बैंड ₹185-₹195 प्रति शेयर तय किया गया है, जो कंपनी का वैल्यूएशन करीब ₹6,400 करोड़ दिखाता है. GMP के हिसाब से निवेशक उम्मीद लगा सकते हैं कि इसकी लिस्टिंग में लगभग 18 फीसदी तक का बढ़त मिल सकती है. लेकिन सिर्फ प्रारंभिक प्रीमियम देखकर खुश होने की बजाय निवेशकों को इसकी बुनियादी वित्तीय स्थिति और जोखिम भी देखना चाहिए.

कंपनी ने तीन साल में 25 फीसदी CAGR की रफ्तार से रेवेन्यू बढ़ाया है और FY24 में EBITDA पॉजिटिव होने के बाद इस साल पहली बार PAT यानी शुद्ध लाभ भी दर्ज किया. इसके बावजूद इसका EV/Sales मल्टीपल 4.7 गुना देखा जा रहा है, जो listed peers की तुलना में महंगा माना गया है. इसी वजह से SBI सिक्योरिटीज समेत कई रिसर्च हाउस ने इसे AVOID की रेटिंग दी है और फिलहाल प्रदर्शन देखने की सलाह दी है.

रिपोर्ट्स का कहना है कि कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार है, लेकिन वैल्यूएशन अपेक्षाकृत अधिक दिखता है. साथ ही मैट्रेस पर अत्यधिक निर्भरता, कच्चे माल की कीमतों का जोखिम और प्रतिस्पर्धा का दबाव लंबे समय में वृद्धि को प्रभावित कर सकता है. इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि IPO में प्रवेश करने की बजाय कंपनी की लिस्टिंग और प्रदर्शन देखने के बाद फैसला लेना सुरक्षित रहेगा.

रिस्क फैक्टर: कहां अटक सकता है कंपनी का खेल?

SBI सिक्योरिटीज के मुताबिक, हालांकि ब्रांड तेजी से बढ़ा है, लेकिन उसकी कमाई का बड़ा हिस्सा आज भी एक ही कैटेगरी पर निर्भर है, वो है ‘मैट्रेस’. कुल रेवेन्यू का लगभग 60 फीसदी हिस्सा इसी से आता है. ऐसे में किसी भी तरह की मांग में कमी, नए ब्रांड्स का दबाव या उपभोक्ता पसंद में बदलाव Wakefit के लिए चुनौती बन सकता है.

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दूसरा जोखिम कच्चे माल की कीमतों पर निर्भरता है. कंपनी लकड़ी, केमिकल, फैब्रिक और धातु उत्पाद खरीदती है लेकिन लंबी अवधि के सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट नहीं करती. साथ ही 26 से 38 प्रतिशत तक सामग्री विदेशों से आती है, जिसमें अमेरिका, चीन और सिंगापुर शामिल हैं. अगर इन देशों से आपूर्ति बाधित हुई या कीमतें बढ़ीं तो मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है.

डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. साथ ही Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.