ईरान के पास है ये खास मिसाइल, इसलिए फेल हो रहा इजरायल, चुकानी पड़ रही भारी कीमत
ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष में अब मिसाइल युद्ध तेज हो गया है. ईरान के पास 3000 से अधिक मिसाइलों का जखीरा है जिसमें शॉर्ट, मीडियम और हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं. इजरायल के पास आयरन डोम, डेविड स्लींग और ऐरो जैसे उन्नत डिफेंस सिस्टम हैं, लेकिन हालिया हमलों में उसकी प्रणाली कुछ जगहों पर विफल रही है. हाइपरसोनिक मिसाइलों के कारण उसकी चुनौतियां बढ़ गई हैं और डिफेंस स्टॉक भी घटने लगे हैं.
Iran-Israel-Missile-War: पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल में युद्ध जारी है. दोनों देश एक-दूसरे पर हवाई हमले कर रहे हैं. आज 19 जून को एक ईरानी मिसाइल इजरायल के एक अस्पताल पर गिरी. इस हमले के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि क्या आयरन डोम, थाड और स्लींग जैसे एयर डिफेंस सिस्टम से लैस इजरायल, ईरान की मिसाइलों को रोकने में असफल हो रहा है. इस सवाल के जवाब में इजरायल का कहना है कि उसने 90 फीसदी से ज्यादा मिसाइलों को मार गिराया है, जबकि ईरान का दावा है कि इजरायल के पास उसकी मिसाइलों का कोई तोड़ नहीं है. तो आइये जानते हैं कि ईरान के पास कितने और किन मिसाइलों का जखीरा है और उन्हें रोकने के लिए इजरायल के पास क्या विकल्प हैं.
ईरान के पास कितनी मिसाइलें
कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ईरान के पास 3000 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा है, जिसमें शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज की मिसाइलें शामिल हैं. इनमें बैलिस्टिक, क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हैं, जिनकी रेंज 300 किलोमीटर से लेकर 2500 किलोमीटर तक है. इन मिसाइलों में फतह 313, फतह 2, Zolfaghar और Qiam 1 जैसी शॉर्ट रेंज मिसाइलें हैं. वहीं Shahab 3, Sejjil 2, Ghadr 110, Khorramshahr, Emad, Etemad, Kheibar Shekan जैसी मीडियम रेंज मिसाइलें हैं जिनकी रेंज 1200 किलोमीटर से लेकर 2000 किलोमीटर तक है.
खतरनाक हाइपरसोनिक मिसाइलों का जखीरा
ईरान के पास शॉर्ट और मीडियम रेंज मिसाइलों के अलावा लॉन्ग रेंज की हाइपरसोनिक मिसाइलें भी हैं. ईरान के पास फतह 1 नाम की मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 1400 किलोमीटर से ज्यादा है. इसके अलावा ईरान फतह 2 हाइपरसोनिक मिसाइल भी बना रहा है जिसकी मारक क्षमता इससे भी अधिक है.
इजरायल क्यों नहीं रोक पा रहा हमले
इजरायल का दावा है कि ईरान द्वारा दागी गई सिर्फ 5 फीसदी मिसाइल ही उसके यहां गिरी हैं. लेकिन इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइल रोकने में असफल हो रहे हैं. इजरायल के ज्यादातर सिस्टम शार्ट रेंज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल हमले रोकने के लिए ही बनाने गए हैं. इसलिए वे ईरान के हमले नहीं रोक पा रहा है. इसके अलावा इजरायल अपने अधिकतर डिफेंस सिस्टम का स्टॉक अमेरिका से मंगाता है और यदि युद्ध लंबा खिंचता है तो उसके पास स्टॉक की कमी हो सकती है. कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इजरायल के पास अब डिफेंस स्टॉक की कमी होती जा रही है.
मिसाइलों के रेंज में कौन-कौन
ईरान ने अपनी मिसाइलों को इजरायल पर हमले के उद्देश्य से विकसित किया है. इसलिए उसकी ज्यादातर मिसाइलें इजरायल तक मार करने में सक्षम हैं. इसके अलावा इनकी रेंज में ग्रीस, मिस्र, तुर्की और यूरोप के कुछ हिस्से भी शामिल हैं. अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों का आरोप है कि चीन और रूस ने ईरान को मिसाइल सिस्टम विकसित करने में मदद की है, हालांकि ईरान इन आरोपों को खारिज करता रहा है.
क्या हमले रोकने में सक्षम है इजरायल
इजरायल के पास दुनिया के सबसे ताकतवर मल्टी लेवल एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जिनमें आयरन डोम प्रमुख है. यह शॉर्ट रेंज0-120 किलोमीटर की मिसाइलों को रोकने में सक्षम है. इस सिस्टम की सफलता दर 90 से 99 फीसदी मानी जाती है. इसके अलावा डेविड स्लींग है जिसकी रेंज 49 से 250 किलोमीटर की है और लॉन्ग रेंज के हमले रोकने के लिए ऐरो 2 है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों को भी इंटरसेप्ट कर सकता है.
ये भी पढ़ें- ईरान पर हमला करने जा रहा अमेरिका! ट्रंप ने प्लान को दी मंजूरी, खामेनेई ने कहा अंजाम भुगतने को रहे तैयार