अमेरिका ने नेपाल का ‘TPS’ किया खत्म, जानें क्या होता है ये स्टेटस जिससे हजारों नेपाली नागरिक लौटेंगे वतन
नेपाल को 2015 के भूकंप के बाद मिला अमेरिका का 'टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस' (TPS) अब खत्म कर दिया गया है. अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने कहा है कि नेपाल में हालात अब सामान्य हो चुके हैं. TPS की समाप्ति के बाद करीब 7,000 नेपाली नागरिकों को अमेरिका छोड़ना होगा. जानें विस्तार में.
What is America’s TPS that affect Nepal: नेपाल को मिले ‘टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस’ (TPS) को अमेरिका ने खत्म करने का फैसला किया है. यह फैसला अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने लिया है. अमेरिका के इस फैसले के बाद US में रह रहे तकरीबन 7,000 नेपाली नागरिकों को अपने देश लौटना पड़ सकता है. यह वही दर्जा है, जो नेपाल में आए भयानक भूकंप के बाद वहां के नागरिकों को मानवीय आधार पर दिया गया था. इस दर्जे के कारण वह अमेरिका में अस्थायी रूप से रह सकते थे. इसके तहत उन नागरिकों को सुरक्षित रूप से अपने देश लौटने तक उन्हें कानूनी सुरक्षा भी मिलती रही है. आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर ये TPS है क्या, इसे क्यों और कब दिया गया.
क्या है TPS (Temporary Protected Status)?
TPS यानी टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस एक ऐसा अस्थायी कानूनी दर्जा है, जो अमेरिका उन देशों के नागरिकों को देता है जहां युद्ध, प्राकृतिक आपदा या किसी दूसरे संकट के चलते सुरक्षित वापसी संभव नहीं होती. TPS का मकसद तमाम संकटों से जूझ रहे नागरिकों को अमेरिका में अस्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति तब तक के लिए देना जब तक उनके देश में हालात सामान्य न हो जाएं.
नेपाल को कब और क्यों मिला था TPS?
नेपाल को TPS का दर्जा 24 जून 2015 को मिला था. उस साल नेपाल में आए भीषण भूकंप के कारण जीवन और आधारभूत ढांचा काफी बुरी तरह प्रभावित हुआ था. इसके बाद अमेरिका ने नेपाली नागरिकों को TPS के तहत संरक्षण दिया. अमेरिकी सरकार ने पहले इसे 18 महीनों के लिए लागू किया था. लेकिन इस ड्यूरेशन को कई बार बढ़ा दिया गया था. अंतिम विस्तार 24 जून 2025 तक के लिए किया गया था.
क्यों खत्म किया गया TPS?
DHS सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा कि नेपाल में अब वह आपात स्थिति नहीं रही जिसके कारण TPS दिया गया था. अलग-अलग अमेरिकी एजेंसियों से राय-मशविरा करने के बाद यह फैसला लिया गया है कि TPS की शर्तें अब नेपाल पर लागू नहीं होती, इसलिए इसे समाप्त करना जरूरी है. बता दें कि TPS खत्म होने के बाद तकरीबन 7,000 नेपाली नागरिकों को अमेरिका छोड़कर लौटना होगा. हालांकि, सरकार ने 60 दिन का ट्रांजीशन पीरियड दिया है, यानी 5 अगस्त 2025 तक नेपाली नागरिकों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी. DHS के मुताबिक, TPS के तहत रह रहे 5,500 से ज्यादा नेपाली पहले ही अमेरिका के स्थायी नागरिक (ग्रीन कार्ड होल्डर) बन चुके हैं, उन पर इसका असर नहीं होगा.
ये भी पढ़ें- क्या मस्क की ‘X’ को ट्रंप करेंगे कैद? इस एक्सपर्ट ने दी चेतावनी; विवादों के बीच बढ़ रहा बैन का खतरा