अब प्याज की बढ़ जाएगी शेल्फ लाइफ, सरकार पूरे देश में विकसित करेगी इस तरह की सुविधा
उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) के अधिकारियों ने कहा कि सोनीपत में बने प्याज स्टोरेज में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इससे प्याज की रिकवरी 88 फीसदी हो गई, जो देश भर की अन्य प्याज स्टोरेज सुविधाओं की तुलना में बेहतर है.

प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार देशभर में प्याज स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बना रही है. कहा जा रहा है कि हरियाणा के सोनीपत में अपने पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद सरकार ने प्याज स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार पूरे देश में करने का फैसला किया है. सरकार को उम्मीद है कि इसकी इस कोशिश से किसानों को बहुत फायदा होगा. साथ ही प्याज की बर्बादी भी बहुत कम होगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हर्षना एग्रो फ्रेश सोनीपत स्थित प्याज स्टोरेज का संचालन कर रही है. यह स्टोरेज में वातावरण को नियंत्रित करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करती है. इससे प्याज की बर्बादी बहुत कम हो रही है. साथ ही प्याज की क्वालिटी भी बेहतर है. यही वजह है कि केंद्र सरकार अब सोनीपत के तर्ज पर पूरे देश में प्याज स्टोरेज बनाने की तैयारी कर रही है.
1,900 मीट्रिक टन रबी प्याज का भंडारण
उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) के अधिकारियों ने कहा कि सोनीपत में बने प्याज स्टोरेज में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इससे प्याज की रिकवरी 88 फीसदी हो गई, जो देश भर की अन्य प्याज स्टोरेज सुविधाओं की तुलना में बेहतर है. खास बात यह है कि जुलाई 2024 में महाराष्ट्र से कुल 1,900 मीट्रिक टन रबी प्याज का भंडारण किया गया और नवंबर के अंत में सोनीपत सुविधा से इसका उठाव शुरू हुआ.
वजन में इस दर से आई कमी
डीओसीए अधिकारियों के अनुसार, इस दौरान वजन में केवल 2 फीसदी प्रति माह की दर से कमी आई है, जबकि गुणवत्ता में कोई गिरावट नहीं आई. हालांकि, उन्होंने कहा कि पारंपरिक वेंटिलेशन स्टोरेज या चॉल में प्याज का भंडारण करने पर 30 फीसदी से 40 फीसदी तक का वजन में गिरावट आती थी. उनके मुताबिक, प्याज भंडारण सुविधा तब संतोषजनक होती है जब तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस रेंज में और सापेक्ष आर्द्रता 65-70 फीसदी की रेंज में बनी रहे. सोनीपत की सुविधा 23-26 डिग्री सेल्सियस के तापमान रेंज के साथ एक नियंत्रित वातावरण का उपयोग करती है.
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93 फीसदी मिलेगी रिकवरी
डीओसीए के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार आईएस नेगी ने कहा कि सोनीपत प्याज स्टोरेज में बेहतर तकनीक होने के अलावा, यह सुविधा दिल्ली के बहुत करीब है. ऐसे में प्याज की सप्लाई करने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा. डीओसीए में निदेशक सुभाष चंद्र मीना ने कहा कि मार्केट में इस तरह की स्टोरेज सुविधाएं विकसित करने से समय की बर्बादी को रोका जा सकेगा, क्योंकि हम सब्सिडी वाले प्याज को तुरंत भेज सकते हैं. उन्होंने कहा कि पारंपरिक चॉल में, रिकवरी 63 फीसदी से कम है, जबकि उन्नत तकनीकी समाधान 88 से 93 फीसदी रिकवरी हासिल करने में मदद कर सकते हैं.
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