UP: चीनी उत्पादन में रिकवरी की बढ़ी उम्मीद, इस दिन तक 22 मिलों में होगी गन्ने की पेराई

देश में चीनी उत्पादन में गिरावट के बीच उत्तर प्रदेश से राहतभरी खबर आई है. यूपी में अभी भी गन्ने की पेराई हो रही है. 1 अक्टूबर 2024 से 15 अप्रैल 2025 तक देश में चीनी उत्पादन 18.42% घटकर 25.43 मिलियन टन रह गया. बेहतर मॉनसून से अगले सीजन में गन्ना पैदावार और चीनी रिकवरी में सुधार की उम्मीद है.

उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन. Image Credit: @tv9

Sugar Production: देश में चीनी उत्पादन में गिरावट के बीच उत्तर प्रदेश से राहतभरी खबर आई है, जहां अभी भी 22 चीनी मिलों में पेराई जारी है. इससे चीनी उत्पादन में रिकवरी की थोड़ी बहुत उम्मीद बढ़ी है. इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक, इन 22 चीनी मिलों में से 16 मिलें पश्चिमी यूपी में हैं.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 से 15 अप्रैल 2025 के बीच देश में चीनी उत्पादन 18.42 फीसदी घटकर 25.43 मिलियन टन रह गया है. यह आंकड़ा नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ (NFCSF) ने जारी किया है. ISMA के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2024 से अब तक देशभर में 496 चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं, जबकि अभी 38 फैक्ट्रियां काम कर रही हैं. महाराष्ट्र, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है, वहां पुणे जिले की सिर्फ एक मिल चल रही है, जो मई के मध्य से पहले बंद हो सकती है.

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कब तक होगी गन्ने की पेराई

वहीं, उत्तर प्रदेश में गन्ने की पैदावार बेहतर होने से गन्ने की उपलब्धता बढ़ी है. इस वजह से यहां की 22 फैक्ट्रियां अप्रैल के अंत या मई के पहले हफ्ते तक चलने की उम्मीद है. इसके अलावा, 1 अप्रैल से सीजन के दूसरे हिस्से में चीनी रिकवरी रेट भी बेहतर हुआ है, जिससे उत्पादन में सुधार देखा गया है. ISMA के अनुसार, दक्षिण कर्नाटक की कुछ फैक्ट्रियां जून/जुलाई में विशेष सीजन के दौरान फिर से शुरू हो सकती हैं. कर्नाटक और तमिलनाडु मिलकर ऐतिहासिक रुप से विशेष सीजन में लगभग 0.4 से 0.5 मिलियन टन चीनी उत्पादन में योगदान करते हैं.

इसके अलावा, निजी चीनी मिलों के संघ ने कहा कि इस सीजन (अक्टूबर से सितंबर) में लगभग 3.5 मिलियन टन चीनी एथनॉल उत्पादन की ओर मोड़ी जाएगी, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 2.15 मिलियन टन था. पिछले महीने, ISMA ने 2024-25 सीजन के लिए अपनी चीनी उत्पादन अनुमान को 27.27 मिलियन टन से घटाकर 26.4 मिलियन टन कर दिया था. इसका कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता कम होना और उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में कुछ मिलों का जल्दी बंद होना था.

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गन्ने की फसल को फायदा हुआ

ISMA का कहना है कि 2024 के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से गन्ने की फसल को फायदा हुआ. महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ना बुआई में सुधार देखा गया है. इसके चलते, 2025 अक्टूबर में सीजन की शुरुआत नियत समय पर होने की उम्मीद है.