सरकार ने जारी किया ड्राफ्ट नोटिफिकेशन! EV में साउंड अलर्ट लगाने की तैयारी; 2027 तक हो सकता है अनिवार्य

सड़क पर चलती इलेक्ट्रिक कारें और ट्रक अब बिल्कुल शांत नहीं रहेंगे. पैदल चलने वालों के सुरक्षा के मद्देनजर एक नया बदलाव आने वाला है. यह नियम अक्टूबर 2027 से लागू हो सकता है जिसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों में एक खास तकनीक जुड़ जाएगी.

EV में लगेगा साउंड अलर्ट! Image Credit: Mone79 Live

सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक नया नियम प्रस्तावित किया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में कहा है कि अक्टूबर 2027 से सभी इलेक्ट्रिक कारों, बसों और ट्रकों में साउंड अलर्ट सिस्टम यानी अकॉस्टिक व्हीकल अलर्टिंग सिस्टम (AVAS) लगाना अनिवार्य होगा. इसका मकसद पैदल चलने वालों और सड़क पर मौजूद अन्य वाहन चालकों को इन वाहनों की उपस्थिति की चेतावनी देना है.

नए और मौजूदा मॉडल पर अलग शर्तें

मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार, नए इलेक्ट्रिक वाहन जो अक्टूबर 2026 के बाद बने होंगे, उन्हें AVAS सिस्टम के साथ ही लॉन्च किया जाएगा. वहीं, पुराने मौजूदा मॉडल अक्टूबर 2027 तक इस सुविधा से लैस होने चाहिए. नियम के मुताबिक, वाहन की कैटेगरी M और N में आने वाले सभी इलेक्ट्रिक वाहन इस सिस्टम के मानक AIS-173 के अनुसार आवाज वाले सायरन लगाएंगे.

कैटेगरी M में इलेक्ट्रिक कारें और बसें शामिल हैं, जो पैसेंजर्स के लिए बनाई जाती हैं. वहीं, कैटेगरी N में इलेक्ट्रिक ट्रक और मालवाहक वाहन आते हैं. यह व्यवस्था सड़क पर पैदल चलने वालों और अन्य वाहन चालकों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.

अकॉस्टिक व्हीकल अलर्टिंग सिस्टम (AVAS) क्या है?

अकॉस्टिक व्हीकल अलर्टिंग सिस्टम, जिसे संक्षेप में AVAS कहते हैं, एक सुरक्षा तकनीक है जो इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहनों में लगाई जाती है. इसका मुख्य काम वाहन की मौजूदगी का आवाज के जरिए संकेत देना है.

इलेक्ट्रिक वाहन शोर नहीं करते, इसलिए पैदल चलने वाले या आसपास के लोग उन्हें सुनकर तुरंत पहचान नहीं पाते. इसी वजह से सड़क पर दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है. AVAS सिस्टम इस समस्या का समाधान है. यह वाहन चलने पर आर्टिफिशियल साउंड जनरेट करता है, ताकि लोग या अन्य वाहन चालक यह जान सकें कि कोई इलेक्ट्रिक वाहन पास आ रहा है.

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अंतरराष्ट्रीय उदाहरण

इस तरह की प्रणाली पहले से कुछ देशों में लागू है. अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ के कई देशों में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों में AVAS सिस्टम अनिवार्य है. भारत में इसे लागू करने का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और सुरक्षा मानकों को मजबूत करना है.