अडानी ग्रुप का दो टूक जवाब, कहा- केन्या में एयरपोर्ट संचालन के लिए कभी नहीं किया इस तरह का समझौता

केन्या के राष्ट्रपति ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि वह पिछले महीने ऊर्जा और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ अडानी ग्रप की एक फर्म द्वारा हस्ताक्षरित 30-वर्षीय, $736 मिलियन की सार्वजनिक-निजी भागीदारी को रद्द कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य बिजली ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण करना है.

21 दिनों के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है. (फाइल फोटो) Image Credit: @Tv9

अडानी ग्रुप ने शनिवार को केन्या द्वारा रिश्वतखोरी के आरोपों पर अमेरिकी अभियोग के बाद 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक के सौदे रद्द करने की रिपोर्ट्स पर स्पष्टीकरण दिया. ग्रुप ने कहा कि उसने केन्या के मुख्य हवाई अड्डे को संचालित करने के लिए कोई बाध्यकारी समझौता नहीं किया है. केन्या में 30 वर्षों के लिए प्रमुख बिजली ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और संचालन के लिए पिछले महीने हुए समझौते पर ग्रुप ने कहा कि यह परियोजना सेबी के डिस्क्लोजर रेगुलेशन के दायरे में नहीं आती है. इसलिए इसके रद्द होने पर कोई खुलासा करने की जरूरत नहीं है.

द बिजनेस स्टैंडर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप ने केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो द्वारा खरीद प्रक्रिया को रद्द करने के आदेश की रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दे रहा था. इससे ग्रुप के संस्थापक पर संयुक्त राज्य अमेरिका में अभियोग लगाए जाने के बाद देश के मुख्य हवाई अड्डे का नियंत्रण मिलने की उम्मीद थी. अरबपति गौतम अडानी के ग्रुप की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, जो हवाई अड्डे के कारोबार को संभालती है, ने एक फाइलिंग में कहा कि उसने इस साल अगस्त में केन्या में हवाई अड्डों को अपग्रेड, आधुनिक बनाने और मैनेज्ड करने के लिए एक स्टेप-डाउन सहायक कंपनी को शामिल किया था.

प्राधिकरण के साथ चर्चा कर रही थी

फर्म ने कहा कि जबकि कंपनी उस परियोजना के लिए संबंधित प्राधिकरण के साथ चर्चा कर रही थी. आज तक न तो कंपनी और न ही इसकी सहायक कंपनियों को (i) केन्या में कोई हवाई अड्डा परियोजना दी गई है, या (ii) केन्या में किसी हवाई अड्डे के संबंध में कोई बाध्यकारी या निश्चित समझौता किया गया है. इसने केन्या द्वारा हवाई अड्डे के सौदे को रद्द करने की रिपोर्टों की पुष्टि या खंडन नहीं किया.

बिजली ट्रांसमिशन लाइनों का संचालन करने वाली फर्म अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने एक अलग फाइलिंग में 9 अक्टूबर को कहा था कि उसे केन्या में टांसमिशन लाइनों के निर्माण के लिए परियोजना दी गई थी. इसके बाद, इसने केन्या में एक स्टेप-डाउन सहायक कंपनी को शामिल किया था.

क्या कहा था केन्या के राष्ट्रपति

दरअसल, केन्या के राष्ट्रपति ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह भी कहा था कि वह पिछले महीने ऊर्जा और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ अडानी ग्रप की एक फर्म द्वारा हस्ताक्षरित 30-वर्षीय, $736 मिलियन की सार्वजनिक-निजी भागीदारी को रद्द कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य बिजली पारेषण लाइनों का निर्माण करना है. इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अडानी और सात अन्य पर आकर्षक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध जीतने के लिए भारतीय अधिकारियों को $265 मिलियन का भुगतान करने के लिए कथित रूप से सहमत होने का आरोप लगाया.

अडानी ग्रुप ने किया इनकार

अडानी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए इनकार किया और कहा कि वह “सभी संभावित कानूनी उपाय” अपनाएगा. स्थानीय विरोध के बाद केन्या के मुख्य हवाई अड्डे को संचालित करने की निविदा को रोक दिया गया. अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने पिछले महीने केन्या इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (केट्राको) के साथ तीन ट्रांसमिशन लाइनों और दो सबस्टेशनों के विकास के लिए एक परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.