अंबानी को टक्कर देने गुजरात पहुंचे अडानी, क्लीन एनर्जी के बाद अब इस सेक्टर में भी होगी भिड़ंत? शुरू की तैयारी
अरबपति गौतम अडानी का Adani Group अब पेट्रोकेमिकल सेक्टर में एंट्री करने जा रहा है. कंपनी गुजरात के मुंद्रा में 1 मिलियन टन सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी वाला PVC (पॉलीविनाइल क्लोराइड) प्लांट स्थापित कर रही है. यह प्रोजेक्ट 2027-28 तक पूरा होगा और भारत में PVC की बढ़ती मांग को देखते हुए सप्लाई गैप को कम करेगा.
Adani and Ambani in PVC Business: अरबपति गौतम अडानी का Adani Group अब पेट्रोकेमिकल सेक्टर में कदम रखने जा रहा है. कंपनी गुजरात के मुंद्रा में 1 मिलियन टन सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी वाला PVC (पॉलीविनाइल क्लोराइड) प्लांट बनाएगी. यह प्रोजेक्ट 2027-28 के वित्तीय वर्ष तक पूरी होने की उम्मीद है. मालूम हो कि पीवीसी एक सिंथेटिक प्लास्टिक पॉलिमर है, जिसका इस्तेमाल पाइप और फिटिंग्स, खिड़की-दरवाजों के फ्रेम, केबल इंसुलेशन, फ्लोरिंग, वॉल कवरिंग, क्रेडिट कार्ड और खिलौनों तक के निर्माण में बड़े स्तर पर होता है. लेकिन खबर केवल इतनी नहीं है, खबर ये है कि इस क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज की मौजूगी काफी समय से है.
भारत में बढ़ती PVC की मांग
मौजूदा समय में देश में हर साल लगभग 4 मिलियन टन पीवीसी की डिमांड है. जबकि घरेलू स्तर पर प्रोडक्शन कैपेसिटी केवल 1.59 मिलियन टन है. इसमें से करीब आधी कैपेसिटी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के पास है. ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ सालों में पीवीसी की मांग 8-10 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. कृषि क्षेत्र, बुनियादी ढांचा, वाटर सप्लाई-सैनिटेशन, हाउसिंग, फार्मा और पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों में बढ़त इस मांग को तेज कर रही है.
अडानी VS रिलायंस: सीधी टक्कर
मुंद्रा में Adani Enterprises Ltd. का यह पीवीसी प्लांट रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए सीधी चुनौती बनेगा. फिलहाल रिलायंस के पास गुजरात के हजीरा, दहेज और वडोदरा में पीवीसी प्लांट हैं, जिनकी कुल प्रोडक्शन कैपेसिटी करीब 7.5 लाख टन प्रति वर्ष है. रिलायंस भी अपनी क्षमता को 2027 तक दोगुना करने की प्लानिंग पर काम कर रही है. ईटी ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा, अडानी का यह प्लांट भविष्य में 2 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता तक बढ़ाया जा सकता है.
प्रोजेक्ट में पीवीसी के साथ-साथ क्लोर-अल्कली, कैल्शियम कार्बाइड और एसिटिलीन यूनिट्स भी स्थापित की जाएगी. अडानी ग्रुप इस प्रोजेक्ट के लिए एसिटिलीन और कार्बाइड बेस्ड पीवीसी प्रोडक्शन प्रोसेस का इस्तेमाल करेगा. प्रोजेक्ट को पर्यावरण की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है साथ ही निर्माण की अनुमति भी मिल चुकी है.
वित्तीय चुनौतियों के बाद फिर रफ्तार
यह प्रोजेक्ट मार्च 2023 में वित्तीय अनिश्चितताओं और अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के चलते रोक दी गई थी. लेकिन पिछले साल अडानी ग्रुप ने 5 अरब डॉलर से अधिक इक्विटी और अतिरिक्त कर्ज जुटाकर इस प्रोजेक्ट को फिर शुरू किया. ग्रुप ने अपने शेयर-बेस्ड लोन को पूरी तरह चुका दिया है. मुंद्रा में प्रोजेक्ट के लिए बड़ी जमीन, पोर्ट फैसिलिटी तक सीधी पहुंच और अडानी ग्रुप की पोर्ट-लॉजिस्टिक्स विशेषज्ञता इस प्लांट की लागत को कम करने में मदद करेगी. साथ ही कच्चे माल की आसान आपूर्ति और रेडी टू मेड प्रोडक्ट के सही डिस्ट्रीब्यूशन के लिए यह जगह अच्छा साबित होगा.
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