JAL अधिग्रहण : डालमिया भारत के प्रस्ताव को CCI की मंजूरी, दौड़ में अडानी और वेदांता भी शामिल
CCI ने डालमिया भारत को कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) के पूर्ण अधिग्रहण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. JAL फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. इस कंपनी के अधिग्रहण के लिए अडानी, वेदांता, जिंदल पावर और PNC इन्फ्राटेक भी बोली लगाने वालों में शामिल हैं.

केंद्रीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण के लिए डलमिया भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. JAL फिलहाल दिवालिया प्राक्रिया से गुजर रही है. डालमिया भारत इस कंपनी का पूर्ण अधिग्रहण करना चाहती है. डालमिया के इस प्रस्ताव को CCI से मंजूरी मिलने के बाद अब JAL के खिलाफ चल रही दिवालिया प्रक्रिया अहम मोड़ पर पहुंच गई है. CCI की मंजूरी के बाद अब डलमिया भारत लिमिटेड, लेनदारों की समिति (CoC) के समक्ष अपना प्रस्ताव रख सकेगी.
CCI ने अपने आदेश में कहा है कि डालमिया का प्रस्ताव अधिग्रहण प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत कॉम्बिनेशन की कैटेगरी में आता है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक है. आदेश के तहत किसी भी प्रस्ताव पर मतदान से पहले प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी जरूरी है. आयोग ने यह भी साफ किया है कि डालमिया भारत ने अपने प्रस्ताव में दिवालिया प्रक्रिया के तहत जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड का 100 फीसदी अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है.
कितने कर्ज में डूबी है JAL?
जयप्रकाश एसोसिएट्स, जेपी समूह की प्रमुख कंपनी है. इलाहाबाद स्थित राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश के मुताबिक कंपनी पर 57,185 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी इसे चुकाने के की स्थिति में नहीं है. इसी वजह से 3 जून, 2024 को कंपनी को दिवालिया प्रक्रिया में भेजा गया है. इस मामले में नेशनल एसेट्स रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) ने SBI के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से JAL के बकाया कर्ज को खरीदा है.
अडानी और वेदांता भी दौड़ में शामिल
डलमिया भारत के सामने बोली प्रक्रिया में कड़ी चुनौती होगी, क्योंकि अडानी एंटरप्राइजेज, वेदांता समूह, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक जैसी दिग्गज कंपनियां भी JAL के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल हैं. इन कंपनियों ने भी CCI को अपने प्रस्ताव दिए हैं.
क्यों मची है अधिग्रहण की होड़?
जेपी एसोसिएट्स के पास रियल एस्टेट और सीमेंट दोनों क्षेत्रों में कीमती संपत्तियां हैं. रियल एस्टेट में इसके पास ग्रेटर नोएडा का जेपी ग्रीन्स, नोएडा का विशटाउन और जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसे प्रोजेक्ट हैं. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में कई कमर्शियल संपत्तियां हैं. इसके अलावा सीमेंट क्षेत्र में कंपनी के पास मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार फैक्टरी हैं. इसके अलावा लीज पर कई चूना पत्थर की खदानें भी हैं. इसके साथ ही जयप्रकाश पावर वेंचर्स, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग और जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट भी इसके एसेट्स में शामिल हैं.
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