Delhivery-Ecom Express डील को CCI मंजूरी की दरकार, 1400 करोड़ के सौदे से सेक्टर में आएगा बूस्ट
लॉजिस्टिक्स सेक्टर की दो बड़ी कंपनियां, डेल्हीवरी लिमिटेड और ईकॉम एक्सप्रेस, अब 1400 करोड़ रुपये की डील के लिए CCI की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं. इस सौदे में डेल्हीवरी कैश में भुगतान कर ईकॉम एक्सप्रेस में कंट्रोलिंग स्टेक हासिल करेगी. CCI को दी गई जानकारी में कहा गया है कि इस डील से बाजार में किसी भी तरह की कॉम्पटीटर पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा.

Delhivery-Ecom Express seeks CCI nod: लॉजिस्टिक मार्केट में डेल्हीवरी और ईकॉम एक्सप्रेस ने पिछले कुछ दिनों से काफी सुर्खियां बटोर रही है. दरअसल डेल्हीवरी ने ईकॉम को 1,400 करोड़ रुपये खरीद रही है जिसके बाद कम वैल्यूएशन और कई दूसरी चीजों को लेकर कंपनी से सवाल जवाब किए. अब डेल्हीवरी लिमिटेड और ईकॉम एक्सप्रेस ने अपनी 1,400 करोड़ रुपये की डील के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से मंजूरी मांगी है. 5 अप्रैल को घोषित इस सौदे के तहत, डेल्हीवरी 1,400 करोड़ रुपये कैश देकर ईकॉम एक्सप्रेस में कंट्रोलिंग स्टेक यानी नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल करेगी.
CCI को दी गई जानकारी
डेल्हीवरी एक लिस्टेड लॉजिस्टिक्स कंपनी है, जो कई सर्विसेज देती है जबकि ईकॉम एक्सप्रेस भारतीय ई-कॉमर्स बिजनेस के लिए लॉजिस्टिक सॉल्यूशन प्रदान करती है. CCI को दी गई जानकारी के अनुसार, इस सौदे से भारत में किसी भी बाजार में कॉम्पटीटर पर कोई नेगेटिव असर नहीं पड़ेगा. इसलिए, रिलेवेंट प्रोडक्ट और भौगोलिक बाजार को परिभाषित करने की जरूरत नहीं है.
हालांकि, कुछ व्यावसायिक समानताओं को देखते हुए, नोटिस में कहा गया है कि एक्सप्रेस पार्सल डिलीवरी सेवाओं और वेयरहाउसिंग व सप्लाई चेन सेवाओं के बाजार को रेलेवेंट माना जा सकता है. इसके अलावा, ऊपरी स्तर पर इंट्रा लॉजिस्टिक्स ऑटोमेशन सेवाओं और निचले स्तर पर लॉजिस्टिक्स सेवाओं के बाजार को भी रिलेवेंट माना गया है.
बेहतर होगा सर्विस
नोटिस में यह भी कहा गया है कि यह सौदा भारतीय अर्थव्यवस्था की लॉजिस्टिक्स में कॉस्ट एफिशिएंसी, स्पीड और पहुंच में सुधार की जरूरत को दर्शाता है. इस सौदे से दोनों कंपनियां अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दे सकेंगी. इसके लिए वे बुनियादी ढांचे, तकनीक, नेटवर्क और कर्मचारियों में निवेश जारी रखेंगी. CCI की मंजूरी उन विलय और अधिग्रहण के लिए जरूरी होती है, जो एक तय सीमा से अधिक के होते हैं. CCI का काम बाजार में गलत कम्पटीशन को रोकना और निष्पक्ष कम्पटीशन को बढ़ावा देना है. यह सौदा डेल्हीवरी और ईकॉम एक्सप्रेस को अपनी सेवाओं को और मजबूत करने का मौका देगा, जिससे भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में ग्राहकों को तेज और किफायती सेवाएं मिल सकेगी.
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