ED ने फ्रीज किए WinZO और Gameskraft के Rs 520 करोड़ के एसेट, 5 दिन की छापेमारी में और क्या मिला?
ED ने ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग ऑपरेटर WinZO और Gameskraft पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 520 करोड़ रुपये से ज्यादा के एसेट्स को फ्रीज किया है. दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु में 5 दिन तक चली छापेमारी में एल्गोरिदम से गेम चलाने, पैसों की निकासी रोकने, KYC व PAN के दुरुपयोग और फ्रॉड के आरोपों की जांच हुई. कंपनियों के कई बैंक खातों को भी सीज किया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग ऑपरेटर WinZO और Gameskraft पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 520 करोड़ रुपये से अधिक के एसेट्स को कर दिया है. एजेंसी ने अपनी कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए बताया कि WinZO से जुड़ी करीब 505 करोड़ रुपये की रकम बैंक बैलेंस, बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड के रूप में अटैच की गई, जबकि Gameskraft और इसकी सहायक कंपनी Nirdesa Networks (Pocket52) के आठ बैंक खातों में मौजूद 18.75 करोड़ रुपये को भी रोक दिया गया है. यह कार्रवाई 18 से 22 नवंबर तक चली पांच दिवसीय जांच के बाद की गई.
कहां-कहां हुई ED की छापेमारी
ED की बेंगलुरु जोनल यूनिट ने दिल्ली और गुरुग्राम में WinZO के चार लोकेशंस पर तलाशी ली. इसके अलावा बेंगलुरु और गुरुग्राम में Gameskraft और Pocket52 से जुड़े कई परिसरों पर भी सर्च ऑपरेशन हुआ. एजेंसी ने कुल 11 जगहों पर छापे मारे, जिनमें कंपनियों के कॉर्पोरेट ऑफिस और टॉप मैनेजमेंट के आवास शामिल थे.
जांच क्यों शुरू हुई
WinZO के खिलाफ कई FIR दर्ज हैं, जिनमें धोखाधड़ी, अकाउंट ब्लॉकिंग, PAN के गलत इस्तेमाल और गलत पहचान के इस्तेमाल जैसे आरोप शामिल है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि उनका KYC डाटा गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ है. इसके अलावा फ्रॉड गतिविधियों की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ. वहीं, Gameskraft की जांच कर्नाटक पुलिस की तरफ से दर्ज उस FIR पर आधारित है, जिसमें Pocket52 पर गलत गेम रिजल्ट, टेक्निकल ग्लिचेस, निकासी रोकने और ट्रांसपेरेंसी की कमी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
ED की जांच में WinZO के खिलाफ क्या मिला
एजेंसी ने दावा किया कि WinZO अपने यूजर्स को बिना बताए एल्गोरिदम या सॉफ्टवेयर के खिलाफ खिला रहा था, जबकि यूजर्स को लगता था कि वे रियल प्लेयर्स से मुकाबला कर रहे हैं. जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी ने वॉलेट में मौजूद रकम की निकासी रोक दी थी या सीमित कर दी थी. ED का कहना है कि अब भी करीब 43 करोड़ रुपये कंपनी के पास पड़े हैं जिन्हें अगस्त में रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगने के बाद भी रिफंड नहीं किया गया. हालांकि PROGA (Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025) अभी लागू नहीं हुआ है और ड्राफ्ट रूल्स में कंपनियों को पेंडिंग बैलेंस लौटाने के लिए 180 दिनों की विंडो देने का प्रावधान है.
WinZO की प्रतिक्रिया क्या रही
कंपनी ने एक बयान जारी करके कहा है कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग कर रही है और उसकी प्राथमिकता यूजर्स को सुरक्षित और भरोसेमंद अनुभव देना है. WinZO का दावा है कि वह फेयरनेस, ट्रांसपेरेंसी और कानूनों के पूर्ण अनुपालन के साथ काम करती है और जांच प्रक्रिया में सहयोग जारी रखेगी.
ओवरसीज ऑपरेशंस पर ED के सवाल
WinZO भारत से संचालित होते हुए ब्राजील, अमेरिका और जर्मनी जैसे बाजारों में भी रियल-मनी गेमिंग चला रहा था. ED का दावा है कि कंपनी इन विदेशी बाजारों में भी उसी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही थी जिसे भारत में रियल-मनी गेमिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जांच में यह भी सामने आया कि 55 मिलियन डॉलर (लगभग 489.9 करोड़ रुपये) WinZO US Inc. के एक बैंक अकाउंट में जमा पाए गए, जिसे ED ने शेल कंपनी जैसा करार दिया, क्योंकि इसके संचालन, गतिविधियां और बैंकिंग कंट्रोल भारत से ही संभाले जा रहे थे.