Parliament Winter Session: 1 से 19 दिसंबर तक 15 दिन में 10 बिल होंगे पेश, सरकार का रिफॉर्म पर फोकस

1 से 19 दिसंबर तक होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार 10 नए बिल पेश करने और 2 अहम बिलों को दोबारा मंजूरी के लिए सदन में रखने की तैयारी में है. सरकार के एजेंडे में इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI, IBC ओवरहाल, सिक्योरिटीज मार्केट कोड और परमाणु क्षेत्र में प्राइवेट एंट्री जैसे बड़े रिफॉर्म शामिल हैं.

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा. Image Credit: PIB

1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार बड़े पैमाने पर रिफॉर्म ड्राइव चलाने जा रही है. इस सत्र में कुल 15 बैठक होने वाली हैं. इस छोटे लेकिन अहम सत्र में सरकार 10 नए बिल पेश करेगी और 2 अहम बिलों को सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोबारा मंजूरी के लिए लाएगी. सरकार का एजेंडे में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, इंश्योरेंस सेक्टर ओवरहाल, इनसॉल्वेंसी मैकेनिज्म को तेज बनाना और कैपिटल मार्केट्स में मेगा कोडिफिकेशन करना है.

कौन-कौन से बड़े बिल सत्र में दिखेंगे?

लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, इस सत्र में कुल 10 नए बिल पेश होंगे. इनमें सबसे अहम Insurance Amendment Bill है, जिसमें कंपोजिट लाइसेंस और इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI की राह खोलने का प्रावधान है. इससे इंश्योरेंस इंडस्ट्री में कैपिटल इनफ्लो बढ़ने और कॉम्पिटिशन तेज होने की उम्मीद है.

मार्केट रेगुलेशन

सरकार Securities Markets Code Bill भी पेश करेगी, जो SEBI Act, Depositories Act और Securities Contracts Regulation Act को एक कॉम्प्रिहेंसिव कोड में मर्ज कर देगा. इसका मकसद मार्केट रेगुलेशन को इंटीग्रेट और सिंपल बनाना है.

सदन में लौटेंगे दो अहम बिल

मॉनसून सत्र में सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे गए दो अहम बिल Jan Vishwas (Amendment) Bill और IBC Amendment Bill इस बार दोबारा संसद में लौटेंगे. Jan Vishwas Bill दर्जनों छोटे कंप्लायंस अपराधों को डिक्रिमिनलाइज करता है, जबकि IBC में बड़े बदलावों के जरिए कर्जदार-लेनदार के विवादों को तेजी से खत्म करने पर फोकस है. नई व्यवस्था में Creditor-Initiated Insolvency Resolution Process (CIIRP) जैसे प्रावधान भी शामिल हैं.

न्यूक्लियर सेक्टर पर भी बड़ी तैयारी

Corporate Laws Amendment Bill और Arbitration & Conciliation Bill के जरिए कॉर्पोरेट गवर्नेंस को स्ट्रॉन्ग और विवाद समाधान को फास्ट-ट्रैक बनाने का प्रयास होगा. वहीं, Atomic Energy Bill के जरिये सरकार सिविल न्यूक्लियर सेक्टर में प्राइवेट प्लेयर्स की एंट्री का रास्ता साफ कर सकती है. यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.

ये बिल भी होंगे शामिल

सत्र में Manipur GST Amendment Bill और Constitution (131st Amendment) Bill, 2025 भी लाए जाएंगे. 131वें संशोधन में चंडीगढ़ को Article 240 के तहत उन UTs की श्रेणी में लाने का प्रस्ताव है, जहां विधानमंडल नहीं है. पंजाब की राजनीति में इस मसौदे को लेकर खासा विवाद है.ट सत्र से पहले अंतिम मौका

यह सत्र सरकार के लिए अहम इसलिए भी है क्योंकि 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले यह आखिरी विधायी विंडो है. ऐसे में सरकार चाहती है कि प्रमुख आर्थिक और प्रशासनिक रिफॉर्म यहीं क्लियर करा लिए जाएं, ताकि बजट में ग्रोथ-ड्रिवन प्लान को आगे बढ़ाने के लिए मजबूत कानूनी बैकबोन तैयार रहे.