5100 करोड़ दो…और सारे केस बंद! साल 2017 में देश से भागे संदेसरा ब्रदर्स मामले पर SC का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने स्टर्लिंग बायोटेक बैंक फ्रॉड केस में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि नितिन और चेतन संदेसरा 17 दिसंबर तक 5100 करोड़ रुपये जमा कर देते हैं, तो CBI, ED और PMLA के सभी आपराधिक मामले खत्म किए जा सकते हैं. यह मामला 5,383 करोड़ रुपये से अधिक के कथित बैंक घोटाले से जुड़ा है.

संदेसरा ब्रदर्स Image Credit: Money9 Live

सालों से चल रहे स्टर्लिंग बायोटेक बैंक फ्रॉड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने फरार कारोबारी नितिन और चेतन संदेसरा के खिलाफ सभी आपराधिक मामलों को खत्म करने पर सहमति दे दी है, लेकिन एक सख्त शर्त के साथ, उन्हें 17 दिसंबर तक 5,100 करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि बैंकों को चुकानी होगी.

अब 5100 करोड़ जमा होने पर बंद होंगी CBI–ED की कार्रवाइयां

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, CBI, ED और PMLA के तहत नितिन और चेतन संदेसरा तथा अन्य आरोपियों पर दर्ज सभी आपराधिक मामले तभी बंद होंगे, जब तय की गई OTS राशि जमा हो जाएगी. सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एकमुश्त सेटलमेंट (OTS) को औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है. यह केस स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़े 5,383 करोड़ रुपये से अधिक के कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा था.

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में उद्देश्य सार्वजनिक धन की वापसी है और अगर पूरी राशि बैंक को मिल जाती है, तो लंबे समय तक आपराधिक कार्रवाई जारी रखना “कोई उपयोगी उद्देश्य” पूरा नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि “यह राहत इस मामले की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए दी गई है, इसलिए इसे किसी अन्य मामले में मिसाल की तरह पेश नहीं किया जा सकता.” इसका मतलब है कि भविष्य में ऐसे मामलों में यह आदेश रेफरेंस के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.

2017 में देश छोड़कर भागे थे संदेसरा ब्रदर्स

संदेसरा ब्रदर्स वडोदरा स्थित स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटर हैं, 2017 में अल्बानियाई पासपोर्ट का इस्तेमाल कर देश से फरार हो गए थे. उन पर भारतीय बैंकों से लिए गए बड़े कर्ज का भुगतान न करने और रकम को बाहर भेजने का आरोप है. उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है.

ED की जांच में सामने आया था कि सैंडेसरा समूह की विदेशी कंपनियों ने भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से हजारों करोड़ रुपए के कर्ज लिए. यह लोन आंध्रा बैंक, यूको बैंक, SBI, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले बैंक समूह ने मंजूर किए थे. जांच में यह भी पता चला कि ये धनराशि कई किस्तों में भेजी गई, अनधिकृत कार्यों में लगाई गई और विदेशों में कंपनियों को ट्रांसफर कर दी गई. आरोप है कि इस धन का बड़ा हिस्सा नाइजीरिया में समूह के तेल व्यवसाय और अन्य निजी जरूरतों में इस्तेमाल हुआ.

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ED ने 9778 करोड़ रुपये की संपत्तियां की थीं जब्त

इस मामले में ED ने संदेसरा समूह की 9,778 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की थीं. अब सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम आदेश के तहत, 5100 करोड़ रुपये जमा होने के बाद सभी आपराधिक प्रक्रियाएं खत्म हो जाएंगी.

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