कितना कमाती हैं सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियां, कौन हैं सबसे बड़ी; सरकार क्यों कर रही है मर्जर
सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की हालत लंबे समय से कमजोर मानी जाती थी, लेकिन दिसंबर तिमाही के नतीजों ने तस्वीर पूरी तरह बदल दी है. इसी बीच वित्त मंत्रालय तीन सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सिंगल यूनिट में मर्ज करने के शुरुआती प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. अब सवाल यह है कि सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की कमाई कितनी है, सबसे बड़ी कौन है और आखिर सरकार इनके मर्जर पर विचार क्यों कर रही है?
सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की हालत लंबे समय से कमजोर मानी जाती थी, लेकिन दिसंबर तिमाही के नतीजों ने तस्वीर पूरी तरह बदल दी है. लगातार घाटे से जूझ रही ये कंपनियां अब फिर से मुनाफे की पटरी पर लौट आई हैं और Q3 में इन्होंने मिलकर 1066 करोड़ रुपये का शानदार लाभ कमाया है. सरकार द्वारा किए गए बड़े सुधार, पूंजी निवेश और जोखिम प्रबंधन में सुधारों ने इन कंपनियों को एक बार फिर मजबूती की तरफ मोड़ दिया है. इसी बीच वित्त मंत्रालय तीन सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सिंगल यूनिट में मर्ज करने के शुरुआती प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. अब सवाल यह है कि सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की कमाई कितनी है, सबसे बड़ी कौन है और आखिर सरकार इनके मर्जर पर विचार क्यों कर रही है?
कितना हुआ मुनाफा?
देश की सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही (Q3) में चौंकाने वाला सुधार दिखाया है. लंबे समय से लगातार घाटे में चल रही इन कंपनियों ने इस तिमाही में कुल 1066 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. इससे पहले 2022-23 में इन चारों कंपनियों को मिलाकर 10000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और सभी कंपनियां फिर से मुनाफे में आ गई हैं.
2019-20 से 2021-22 के बीच सरकार ने इन कंपनियों में 17450 करोड़ रुपये की पूंजी डालकर उन्हें वित्तीय रूप से स्थिर करने की कोशिश की थी. इसके बाद इन कंपनियों के कामकाज पर KPI आधारित निगरानी बढ़ाई गई, टेक्नोलॉजी आधारित क्लेम सिस्टम लागू किए गए और नुकसान कम करने के लिए जोखिम नियंत्रण को मजबूत किया गया.
सबसे बड़ी सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनी कौन?
चार सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और न्यू इंडिया एश्योरेंस के प्रदर्शन में भी स्पष्ट सुधार देखा गया है. ओरिएंटल इंश्योरेंस ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही से मुनाफा दर्ज करना शुरू किया था, जबकि नेशनल इंश्योरेंस 2024-25 की दूसरी तिमाही से मुनाफे में आया.
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस का मुनाफा इस तिमाही में सात साल बाद वापस लौट पाया है. इन सबके बीच न्यू इंडिया एश्योरेंस अभी भी सबसे बड़ी सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनी बनी हुई है और लगातार मुनाफा कमा रही है, हालांकि इस बार इसका तिमाही मुनाफा घटकर 353 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 51 फीसदी कम है.
सरकार क्यों कर रही है मर्जर की तैयारी?
पिछले वर्षों में बढ़ते नुकसान, पुराने सिस्टम, बड़े क्लेम और कम तकनीकी उपयोग के कारण इन कंपनियों की स्थिति कमजोर हुई थी. इसे सुधारने के लिए सरकार ने 2019-20 से 2021-22 के बीच 17450 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया. इसके साथ ही KPI आधारित निगरानी, टेक्नोलॉजी का अधिक उपयोग, तेज क्लेम सेटलमेंट, धोखाधड़ी रोकने के उपाय और जोखिम नियंत्रण जैसे कदम उठाए गए.
अब सरकार मानती है कि अगर चारों कंपनियां मर्ज होकर एक बड़ी कंपनी बनेंगी तो उनकी क्षमता, पूंजी, दक्षता और बाजार हिस्सेदारी और भी मजबूत होगी. इससे खर्च कम होगा और सर्विस बेहतर होगी. इसी कारण सरकार लंबे समय से इन कंपनियों के restructuring और संभावित merger पर काम कर रही है, हालांकि अंतिम घोषणा अभी बाकी है.
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