विजय माल्या और नीरव मोदी समेत 15 आर्थिक अपराधी भगोड़ा घोषित, ₹ 58 हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा, सरकार ने वसूले 19 हजार करोड़

सरकार ने 15 फरार आर्थिक अपराधियो को Fugitive Economic Offender घोषित किया है जिनमें विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे नाम शामिल है. इन पर सार्वजनिक बैंको का कुल 58082 करोड़ रुपये बकाया है और अब तक 19187 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. FEO कानून 2018 के तहत सरकार ऐसे अपराधियों की संपत्ति जब्त कर सकती है.

सरकार ने 15 फरार आर्थिक अपराधियों को भगोड़ा घोषित किया है. Image Credit: money9live

Fugitive Economic Offender: सरकार ने देश के बड़े आर्थिक घोटालों में शामिल 15 व्यक्तियों को Fugitive Economic Offender यानी FEO घोषित किया है. इस लिस्ट में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे जाने-माने नाम भी शामिल है. इन अपराधियों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल 58 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है. लोकसभा में सरकार ने बताया कि अब तक इन मामलों में 19 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है. यह जानकारी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में दी गई.

लोकसभा में दिया पूरा डिटेल

सरकार ने बताया कि 31 अक्टूबर 2025 तक कुल 15 व्यक्तियों को FEO घोषित किया गया है. यह सभी वे लोग है जो भारत में वित्तीय अपराध करने के बाद विदेश भाग गए. कांग्रेस सांसद मुरारी लाल मीणा ने पूछा था कि अब तक कितने अपराधियों को इस कानून के तहत चिन्हित किया गया है. सरकार ने जवाब में हर नाम और उससे जुड़ी जानकारी शेयर की.

58 हजार करोड़ का झटका

सरकार के अनुसार इन अपराधियों पर बैंकों का कुल 58082 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें 26645 करोड़ मूल राशि और 31437 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में शामिल है. बैंकों को इन घोटालों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है. सरकार ने बताया कि अब तक 19187 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है, जबकि बाकी रकम की वसूली प्रक्रिया जारी है.

विजय माल्या और नीरव मोदी सबसे बड़े आरोपी

विजय माल्या पर किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिये गये 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप है. वही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है. दोनों लंबे समय से विदेश में है और भारतीय कानून की प्रक्रिया से दूर है. सरकार ने इन दोनों को FEO लिस्ट में शामिल किया है.

क्या है FEO कानून

FEO अधिनियम वर्ष 2018 में लागू किया गया था. इसका उद्देश्य उन आर्थिक अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है जो भारत की अदालत की प्रक्रिया से बचने के लिए विदेश चले जाते है. इस कानून के तहत सरकार ऐसे अपराधियों की संपत्ति जब्त कर सकती है. यह कानून उन मामलों पर लागू होता है जिनमें सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय धोखाधड़ी शामिल हो.

किन नामों को शामिल किया गया है

FEO लिस्ट में विजय माल्या, नीरव मोदी, नितिन जे संदेसेरा, चेतन जे संदेसेरा, दीप्ति सी संदेसेरा, सुदर्शन वेंकट रमन, रामानुजम सेशरथन, पुष्पेश कुमार बैद और हितेश कुमार नरेंद्र भाई पटेल जैसे नाम शामिल है. इन सभी पर भारी वित्तीय धोखाधड़ी और बैंकों को नुकसान पहुंचाने के आरोप है.

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सरकार की अगली कार्रवाई

सरकार ने कहा है कि इन अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया और तेज की जा रही है. जांच एजेंसियों को सभी संपत्तियों की पहचान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है. सरकार का दावा है कि FEO कानून से वसूली की रफ्तार बढ़ी है और आगे भी आर्थिक अपराधियों पर कड़े कदम जारी रहेंगे.