HSBC Flash India PMI: धीमी पड़ी सर्विस सेक्टर की रफ्तार, 10 महीने के लो पर लुढ़का, ये रही वजह
सर्विस सेक्टर में इस महीने ग्रोथ धीमी नजर आई. जिसके चलते फ्लैश पीएमआई दिसंबर में 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. हालांकि महंगाई से थोड़ी राहत मिली और विदेशी निर्यात से बात थोड़ी संभली, लेकिन किस वजह से आई इसमें गिरावट, जानें वजह.
HSBC Flash India PMI December: भारत की सर्विस सेक्टर की रफ्तार सुस्त हो गई है. साल 2025 में इस सेक्टर से जुड़ी गतिविधियां धीमी नजर आई. जिसके चलते दिसंबर में यह 10 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. S&P Global की ओर से जारी HSBC फ्लैश इंडिया कंपोजिट Composite PMI दिसंबर में गिरकर 58.9 पर पहुंच गया, जबकि नवंबर में यह 59.7 था. हालांकि ये अभी भी 50 के ऊपर बना हुआ है.
इस इंडेक्स का 50 से ऊपर होना अर्थव्यवस्था के विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे गिरना गिरावट का संकेत देता है. इसी तरह, अगर इंडेक्स 50 पर होता है तो कोई बदलाव नहीं माना जाता है. ताजा डेटा के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में ये सबसे कमजोर विस्तार रहा.
क्यों धीमी हुई चाल?
प्राइवेट सेक्टरों के विकास की गति धीमी पड़ने के कई कारण है. इनमें प्रमुख तौर पर नए ऑर्डर्स की कमी है. इसके कारण मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर की रफ्तार सुस्त पड़ गई है. इससे नई नौकरियां भी जनरेट नहीं हो पाई हैं. इसके अलावा नई मांग में गिरावट ने इस मंदी को और बढ़ा दिया. घरेलू स्तर पर नए ऑर्डरों में भले ही कमी दर्ज की गई हो, लेकिन नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स अमेरिकी, ब्रिटिश और मध्य-पूर्वी बाजारों से तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचे हैं.
मैन्युफैक्चरिंग का भी खस्ता हाल
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी हालात काफी खस्ता हाल रहे. इंडस्ट्री की सेहत दो साल में सबसे कमजोर रही. Manufacturing PMI 55.7 पर पहुंच गया, जबकि सर्विसेज PMI 59.1 तक धीमा हुआ. रोजगार सृजन यानी नई नौकरी जनरेट होने की स्पीड भी दिसंबर में लगभग ठहरा गई. फरवरी 2024 के बाद ये विकास सबसे कमजोर रहा. कंपनियों ने बताया कि वर्तमान स्टाफ़ पर्याप्त है, इसलिए भर्ती में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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व्यवसायों के विकास में भी गिरावट का रुख रहा. इसमें तीसरे महीने लगातार गिरावट दर्ज की गई, और यह जुलाई 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. यह गिरावट खासकर सर्विस सेक्टर में देखी गई, जहां साल के अंत में उत्साह कम रहा. S&P Global के एंड्रियू हॉकर का कहना है कि HSBC Flash India PMI 2025 सकारात्मक रहा. दिसंबर में उत्पादन और नए ऑर्डर्स की वृद्धि की दर थोड़ी धीमी हुई, लेकिन अब भी तेज बनी रही. कंपनियों को मदद मिली क्योंकि साल के अंत में महंगाई का दबाव कम रहा.