चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, कच्चे तेल से भी ज्यादा हुई महंगी, 45 साल बाद पलटा खेल, 150% की दिखी रैली
चांदी हर रोज नए-नए रिकॉर्ड बना रही है. अब इसने एक और इतिहास रचा है. दरअसल स्पॉट सिल्वर की कीमतें कच्चे तेल के दाम से भी ज्यादा हो गई हैं. ऐसा 1980 के बाद पहली बार हुआ है. तो किन कारणों से चांदी की कीमतों में तेजी से हो रही है बढ़ोतरी और कहां पहुंची कीमत, आइए जानते हैं.
Silver Price Hike: कमोडिटी मार्केट में सोना वैसे तो हमेशा से ही चमकता नजर आता है, लेकिन अब चांदी गोल्ड से भी ज्यादा चमकने लगी है. इसमें सालाना 150% की शानदार रैली देखने को मिली है. चांदी की कीमतों में आई ये तेजी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि ये कच्चे तेल की कीमतों से भी आगे निकल गई है. चांदी ने 45 साल बाद नया इतिहास रचते हुए कच्चे तेल यानी क्रूड ऑयल को मात दे दी है.
15 दिसंबर को स्पॉट सिल्वरी की कीमत 63.80 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई थी, जबकि WTI क्रूड ऑयल 57.30 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था. यह स्थिति 1980 के बाद पहली बार देखने को मिली है, जब चांदी ने तेल को कीमत के मामले में पीछे छोड़ दिया है.
चांदी ने पलटा खेल
2022 के मध्य में कच्चा तेल चांदी से 5.5 गुना महंगा था, तब कच्चा तेल 95 डॉलर प्रति बैरल पर था और चांदी 20 डॉलर के आसपास बिक रही थी. वही अब गेम पूरी तरह से पलट गया है. चांदी ने साल-दर-साल 150% की शानदार रैली दिखाई है, जिसके दम पर ये 2025 की सबसे बेहतरीन सालाना परफॉर्म करने वाली धातु बन गई है. चांदी का 1979 के बाद का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
आज क्या है भाव?
16 दिसंबर को चांदी 63.18 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करती नजर आई. जबकि WTI क्रूड ऑयल 56.16 से 55.54 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार कर रहा है. इस बीच गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो 68.08 तक गिर गया है, जो संकेत देता है कि चांदी सोने से बेहतर प्रदर्शन कर रही है.
तेल की कीमतें गिरी
चांदी जहां लगातार अपनी चमक बढ़ाती जा रही है, वहीं कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. 2025 में WTI क्रूड ऑयल लगभग 20% गिर गया है, जो 2020 महामारी के दौरान हुए सबसे बड़े नुकसान के बाद की सबसे खराब वार्षिक गिरावट है. जानकारों के मुताबिक कमजोर वैश्विक मांग, बढ़ती स्टॉक, और लगातार अधिक उत्पादन ने तेल की कीमतों पर दबाव बनाया है.
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चांदी की कीमतों में तेजी की वजह
- चांदी की रैली के पीछे कई कारण हैं. इनमे से पहला है औद्योगिक मांग का बढ़ना. इंडस्ट्री अब चांदी का 70% उपयोग कर रही है. इसमें सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं.
- BRICS देशों की ओर से चांदी को अपने रिजर्व में शामिल करना और स्पेकुलेटिव शॉर्ट स्क्वीज के रेट बढ़ाने से भी चांदी महंगी हुई है.
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर कटौती और कमजोर डॉलर ने भी चांदी को और आकर्षक बना दिया है.
- तेल के मुकाबले चांदी सुरक्षित विकल्प है, ऐसे में निवेशकों के लिए यह आकर्षक विकल्प बन गई है.