भारत-रूस समिट में बड़े फैसलों की तैयारी, इकोनॉमिक पार्टनरशिप पर बड़ा फोकस; कई अहम एग्रीमेंट होंगे साइन

भारत और रूस के बीच होने वाला वार्षिक समिट आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर फोकस रहेगा. दोनों देश 10 सरकारी और 15 व्यापारिक समझौतों पर साइन कर सकते हैं. समिट से पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की डिनर मीटिंग में रक्षा सहयोग, यूक्रेन मुद्दा, वित्तीय संबंध और रणनीतिक तालमेल जैसे अहम मुद्दो पर चर्चा होगी. पुतिन के साथ रूस का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आ रहा है.

भारत- रूस वार्षिक समिट में आर्थिक साझेदारी पर फोकस रहेगा. Image Credit: money9live

India Russia Summit: भारत और रूस के बीच शुक्रवार को होने वाले वार्षिक समिट में आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर खास जोर रहेगा. इस दौरान दोनों देश 10 सरकारी समझौतों और 15 कमर्शियल एग्रीमेंट पर साइन कर सकते हैं. समिट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ डिनर मीटिंग करेंगे. इसमें रक्षा सहयोग, यूरेसिया क्षेत्र की स्थिरता, यूक्रेन संकट और वित्तीय संबंध जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. दोनों नेता रणनीतिक तालमेल बनाने के उपायों पर भी बात करेंगे. पिछले साल पुतिन ने इसी तरह मोदी को मॉस्को में निजी डिनर पर मेजबानी की थी.

कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत- रूस समिट के दौरान दोनों देश मिलकर 10 सरकारी और 15 कमर्शियल एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने वाले हैं. इसका उद्देश्य आर्थिक संबंधो को विस्तार देना है. इसमें ट्रेड, एनर्जी, इंवेस्टमेंट और मेन इंडस्ट्रियल सेक्टर में सहयोग को बढ़ाने का लक्ष्य है. यह डील भारत- रुस पार्टनरशिप को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

मोदी और पुतिन की डिनर मीटिंग

समिट से पहले गुरुवार को पीएम मोदी और पुतिन की वन ऑन वन डिनर मीटिंग होगी. इसमें डिफेंस प्रोजेक्ट, अंतरराष्ट्रीय स्थिरता और यूक्रेन से जुड़े मुद्दों पर डिटेल में बातचीत होगी. वित्तीय सहयोग को आसान बनाने और रुपये- रूबल ट्रेड सिस्टम व्यवस्था को मजबूत करने पर भी ध्यान दिया जाएगा. दोनों देशों के बीच रणनीतिक तालमेल बढ़ाने के उपाय भी चर्चा में रहेंगे.

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हाई लेवल का डेलिगेशन आएगा भारत

राष्ट्रपति पुतिन के साथ रूस का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचेगा. इसमें रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर समेत लगभग सात मंत्री शामिल होंगे. इसके अलावा कई बड़े उद्योगपति और व्यापारिक प्रतिनिधि भी इस दौरे का हिस्सा होंगे. इसका उद्देश्य भारत- रूस व्यापार और निवेश संबंधो को तेजी से आगे बढ़ाना है.

इंपोर्ट को बढ़ाने पर खास ध्यान

भारत रवाना होने से पहले पुतिन ने कहा कि रूस भारतीय प्रोडक्ट के इंपोर्ट को बढ़ाने पर खास ध्यान दे रहा है. साथ ही, मॉस्को अपने प्रमुख साझेदारों जैसे भारत और चीन के साथ आर्थिक संबंधों को और गहरा करना चाहता है.

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