1 अप्रैल से पूरी तरह से लागू होगा New Labour Code! ओवरटाइम समेत मिलने लगेंगी ये खास सुविधाएं
देश में श्रम सुधारों की अगली कड़ी के रूप में चार नए श्रम कोड अगले साल से पूरी तरह लागू होने की संभावना है. केंद्र सरकार ने इसके नियम नोटिफाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके लिए ड्राफ्ट रूल जल्द ही सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किए जाएंगे. ये कोड्स 29 पुराने कानूनों की जगह लेंगे और कर्मचारियों और श्रमिकों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा, समान अवसर और ओवरटाइम का विकल्प प्रदान करेंगे.
New Labour Code: देश में श्रम सुधारों की लहर लाने वाले चार नए Labour Code 1 अप्रैल 2026 से पूरी तरह लागू हो सकते हैं. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इसके लिए नियमों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में CII IndiaEdge 2025 में बताया कि इन चारों लेबर कोड के तहत नियम जल्द ही प्री-पब्लिश किए जाएंगे. किसी भी कानून को लागू करने के लिए सरकार को उसके तहत नियम बनाने होते हैं. वह बताता है कि कानून काम कैसे करेगा.
ET की रिपोर्ट के अनुसार, प्री-पब्लिश नियम को आम जनता की प्रतिक्रिया के लिए 45 दिनों का समय दिया जाएगा, जिसके बाद उन्हें अंतिम रूप देकर नोटिफाई किया जाएगा. सरकार का इरादा नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2026 से इन नियमों को लागू करना है. ये चारों कोड 29 अलग-अलग लेबर कानून की जगह लेंगे.
कर्मचारियों के लिए प्रमुख बदलाव और लाभ
चार नए लेबर कोड के तहत कई प्रकार के बदलाव किए जा रहे हैं. काम के घंटे से लेकर नियुक्ति पत्र मुहैया कराने और सोशल सिक्योरिटी के दायरे बढ़ाने का प्रावधान शामिल है.
काम के घंटे और ओवरटाइम: नए कोड्स के तहत भी एक दिन में काम के घंटे 8 घंटे ही रहेंगे. हालांकि, इसमें ओवरटाइम का विकल्प मुहैया किया गया है. अब कर्मचारियों को एक हफ्ते में 48 घंटे काम करने के लिए वर्किंग आवर्स में फ्लेक्सिबिलिटी दिया जाएगा.
समानता और सुरक्षा: अब कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा. समान काम के लिए समान वेतन का प्रावधान भी होगा. 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के श्रमिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच का प्रावधान किया गया है. साथ ही, महिलाओं को विभिन्न शिफ्टों में काम करने के लिए समान अवसर प्रदान किए जाएंगे.
सोशल सिक्योरिटी का दायरा बढ़ा: सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक 100 करोड़ श्रमिकों को सोशल सिक्योरिटी प्रदान करना है, जो वर्तमान में 94 करोड़ है. कार्यक्रम में मनसुख मांडविया ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा का दायरा 2015 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64 प्रतिशत से अधिक हो गया है.
केंद्र और राज्यों की भूमिका
चूंकि श्रम एक समवर्ती सूची (Concurrent Subject) का विषय है. इसलिए देश भर में इन कोड्स को पूरी तरह से लागू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में इन चारों कोड्स के तहत नियम नोटिफाई करने होंगे.
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