पुतिन की भारत यात्रा से पहले न्यूक्लियर सहयोग पर बढ़ी हलचल, SMR टेक्नोलॉजी में बनने जा रहा नया गठजोड़

भारत-रूस न्यूक्लियर सहयोग पुतिन की भारत यात्रा से पहले नई दिशा पकड़ रहा है. Rosatom के साथ SMR तकनीक, लोकलाइजेशन, फ्यूल साइकिल और इंडस्ट्री-फोकस्ड न्यूक्लियर मॉडल पर बातचीत तेज हो गई है. भारत 2033 तक इंडिजिनस SMRs और 2047 तक 100 GWe क्षमता का लक्ष्य लेकर न्यूक्लियर एनर्जी मिशन को गति दे रहा है.

पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन Image Credit: Money9live/file photo

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा से पहले दोनों देशों के बीच न्यूक्लियर एनर्जी सहयोग को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं. बुधवार को संसद में सरकार ने बताया कि DAE और रूस की Rosatom के बीच हालिया बैठक में देशों ने मिलकर बड़े और छोटे पैमाने के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स पर सहयोग बढ़ाने और भारत में उपकरण निर्माण को लोकलाइज करने पर गंभीर चर्चा की है. इससे साफ संकेत मिलता है कि आगे की साझेदारी अब सिर्फ पारंपरिक बड़े रिएक्टरों तक सीमित नहीं रहने वाली. इसके साथ ही सरकार ने बताया कि भारत में पहली बार रूसी डिजाइन पर आधारित स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) लगाने के प्रस्ताव पर बातचीत आगे बढ़ी है.

भारत का SMR मिशन और बजट में बड़ा निवेश

केंद्र सरकार ने बजट 2025–26 में न्यूक्लियर एनर्जी मिशन के तहत SMRs के विकास और तैनाती के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. लक्ष्य है कि 2033 तक देश में पांच इंडिजिनस SMRs तैयार कर ग्रिड पर लाए जाएं. इसी दिशा में BARC ने 200 MWe भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (BSMR-200), 55 MWe SMR-55 और 5 MWth हाई-टेम्प गैस कूल्ड रिएक्टर जैसे मॉडलों पर डिजाइन और विकास का काम तेज कर दिया है. इनका पहला चरण टैरापुर और विशाखापत्तनम साइट्स पर लगाने की मंजूरी प्रक्रिया में है.

कैप्टिव न्यूक्लियर पावर का मॉडल

SMR टेक्नोलॉजी का एक बड़ा आकर्षण यह है कि इन्हें इंडस्ट्री के लिए ‘कस्टम कैप्टिव पावर’ के तौर पर लगाया जा सकता है. सरकार ने पहली बार निजी क्षेत्र को न्यूक्लियर पावर जनरेशन में शामिल करने की दिशा में NPCIL के जरिए BSR के लिए RFP जारी किया है. 31 दिसंबर 2024 को जारी यह RFP अब उद्योगों की मांग पर 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है. यह मॉडल ऊर्जा-गहन उद्योगों को कोयले के बजाय न्यूक्लियर पावर अपनाने का रास्ता देगा, जिससे डी-कार्बोनाइजेशन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. इसी के लिए सरकार CLND Act और Atomic Energy Act में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है.

2047 तक 100 GWe क्षमता का लक्ष्य

भारत ने 2047 तक 100 GWe इंस्टॉल्ड न्यूक्लियर क्षमता हासिल करने का लक्ष्य तय किया है. यह Net Zero 2070 मिशन की रीढ़ माना जा रहा है. इसके लिए दो प्रमुख रणनीतियों पर फोकस है. एक, बड़े PHWR जैसे इंडिजिनस 700 MWe रिएक्टरों का विस्तार; और दूसरा, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के जरिए पुरानी कोयला आधारित यूनिटों को रिपर्पज करना. SMRs की खासियत है कि इन्हें कम जगह, कम समय और कम लागत में स्थापित किया जा सकता है, साथ ही यह 24×7 लगातार बिजली देने में सक्षम हैं. इससे भारत का क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन तेज होने की उम्मीद है.

रूसी सहयोग क्यों अहम

रूस ने जब Kudankulam जैसे बड़े न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स में भारत का प्रमुख सहयोगी बनने से शुरुआत की थी, तब फोकस बड़े रिएक्टरों पर था. लेकिन पुतिन की इस यात्रा से पहले हुई बातचीत का एजेंडा एकदम बदल चुका है. अब केंद्र में छोटे SMR प्रोजेक्ट्स, फ्यूल साइकिल सहयोग और भारत में उपकरण निर्माण का लोकलाइजेशन है. Rosatom की SMR टेक्नोलॉजी भारत के SMR मिशन को गति दे सकती है, जबकि भारत की इंडस्ट्री और R&D को बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का फायदा मिल सकता है.

परियोजनाओं में देरी पर क्या बोली सरकार?

भारत की कई प्रमुख न्यूक्लियर परियोजनाएं देरी से चल रही हैं. RAPP-8, जहां Fukushima के बाद सुरक्षा डिजाइन अपडेट की वजह से लेट हो रही है. वहीं, कुडनकुलम 3-4 में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बाधा आई है. इसके अलावा कलपक्कम का फास्ट ब्रीडर रिएक्टर तकनीकी चुनौतियों से जूझ रहा है. हालांकि, अब 97.9% पूरा हो चुका है और फ्यूल लोडिंग अंतिम चरण में है. सरकार का कहना है कि ये निवेश PSU मॉडल के जरिए होता है और ब्याज/डिविडेंड के रूप में रिटर्न मिलता है, इसलिए इन्हें राजकोषीय बोझ नहीं माना जा सकता.

पुतिन-मोदी वार्ता में क्या हो सकता है ऐलान

पुतिन की भारत यात्रा में सबसे प्रमुख एजेंडा न्यूक्लियर सहयोग पर एक नई रूपरेखा का ऐलान माना जा रहा है. खासकर SMR टेक्नोलॉजी, उपकरण निर्माण, फ्यूल साइकिल और इंडस्ट्री-फोकस्ड BSR मॉडल पर रूस और भारत के बीच एक ठोस समझौते की उम्मीद जताई जा रही है. यह भारत के न्यूक्लियर एनर्जी मिशन को वैश्विक सपोर्ट देगा और आने वाले दशक की ऊर्जा कहानी बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है.