GDP, CPI और IIP में होंगे बड़े बदलाव, MoSPI ने पेश किया सुधारों का खाका; 2026 में आएगी नई सीरीज

MoSPI ने GDP, CPI और IIP की नई 2022-23 बेस-ईयर सीरीज पर बड़े सुधारों का खाका पेश किया है. नई GDP में MGT-7 और GST डाटा से सेक्टोरल मैपिंग सुधरेगी, CPI में COICOP 2018 के साथ ज्यादा शहर और आइटम शामिल होंगे, जबकि IIP में बास्केट अपडेट होगा. नई सीरीज 2026 की शुरुआत में जारी होगी.

इकोनॉमी के डाटा में बड़ा सुधार Image Credit:

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने मुंबई में तीन कोर इंडिकेटर्स GDP, CPI और IIP की नई बेस-ईयर सीरीज पर पहली कंसल्टेटिव वर्कशॉप आयोजित की है. मंत्रालय 2022-23 को नए रेफरेंस ईयर के रूप में उपयोग करेगा. इसके लिए पूरी स्टैटिस्टिकल मैपिंग को मॉडर्न डाटा सोर्सेज के साथ री-डिजाइन किया जा रहा है.

GDP में बड़ी री-मैपिंग

नई GDP सीरीज में मंत्रालय आधिकारिक कंपनी फाइलिंग्स MGT-7 और MGT-7A के टर्नओवर डाटा का इस्तेमाल करेगा, ताकि मल्टी-ऐक्टिविटी कंपनियों को बेहतर ढंग से सेक्टर्स में मैप किया जा सके. इसके अलावा GST डाटा को शामिल कर प्राइवेट कंपनियों की लिस्ट और रीजनल GVA डिस्ट्रीब्यूशन को और सटीक बनाया जाएगा.

नए एस्टीमेशन मॉडल पर जोर

अब तक अन-इन्कॉरपोरेटेड सेक्टर का आकलन इंडिकेटर-बेस्ड एक्सट्रैपोलेशन से होता था. लेकिन, नई सीरीज में MoSPI ASUSE के प्रोडक्टिविटी इंडिकेटर्स और PLFS के वर्कफोर्स डाटा को मिलाकर सीधे वार्षिक एस्टीमेट तैयार करेगा. इससे माइक्रो, स्मॉल और अनऑर्गनाइज्ड इकोनॉमी का साइज अधिक सटीक दिखने की उम्मीद है.

CPI में बड़ा ओवरहॉल

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का दायरा कई गुना बढ़ेगा. ज्यादा टाउन, ज्यादा मार्केट, ज्यादा आइटम्स को कवरेज में शामिल किया जाएगा. मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय क्लासिफिकेशन COICOP 2018 को एडॉप्ट करेगा. इसके अलावा एडमिनिस्ट्रेटिव और ऑनलाइन प्राइस डाटा को इंटीग्रेट कर रियल-टाइम और ग्रैन्युलर इंफ्लेशन ट्रैकिंग संभव होगी.

IIP में बास्केट अपडेट

इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में भी बड़े स्ट्रक्चरल बदलाव किए जा रहे हैं. पुराना बास्केट रिप्लेस कर नए आइटम्स शामिल होंगे, नॉन-एक्टिव फैक्ट्रियों को हटाकर एक्टिव यूनिट्स को शामिल किया जाएगा. अन-असाइंड आइटम्स की क्लासिफिकेशन भी अपडेट होगी, ताकि इंडेक्स मौजूदा इंडस्ट्रियल रियलिटी को सही रूप से कैप्चर कर सके.

डाटा-ड्रिवन पॉलिसीमेकिंग

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक MoSPI सचिव सौरभ गर्ग का कहना है कि सुधारों की पूरी रूपरेखा एक नेशनल स्टैटिस्टिकल सिस्टम की नींव मजबूत करती है. इसकी बुनियाद है टाइमली डाटा, ज्यादा कवरेज, ज्यादा ग्रैन्युलैरिटी और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 2026 की शुरुआत में नई सीरीज का आने वाला सेट भारत की ग्रोथ, महंगाई और इंडस्ट्रियल हेल्थ के बेसलाइन को काफी बदल सकता है.

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