India-UK FTA: ब्रिटेन को भारत का 99% निर्यात होगा टैरिफ फ्री, इनको मिलेगा फायदा, विदेशी शराब होगी सस्ती
भारत और यूनाइटेड किंगडम जिस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमत हुए हैं, उससे दोनों देशों को फायदा होगा. खासतौर पर भारत से होने वाले निर्यात को बूस्ट मिलेगा. समझौते के तहत भारत से ब्रिटेन को होने वाला 99 फीसदी निर्यात टैरिफ फ्री होगा. जानते हैं कि किन इंडस्ट्रीज को मिलेगा फायदा?

PM Modi ने मंगलवार को भारत और यूनाइटेड किंगडम के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमत होने की जानकारी दी. इस सौदे से भारतीय लोगों और उद्योगों को क्या फायदा मिलेगा, इसकी जानकारी केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ने देते हुए बताया कि भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99 फीसदी निर्यात पर इस सौदे के बाद कोई टैरिफ नहीं लगेगा. सरकार की तरफ से जारी स्टेटमेंट में बताया गया है कि यह समझौता 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के विजन से जुड़ा है. यह दोनों देशों को अपनी महत्वाकांक्षाओं और लाभ के लिए परस्पर पूरक बनाने में मदद करेगा.
बेंचमार्क एग्रीमेंट
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को इस समझौते को लेकर कहा, “यह समझौता दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच न्यायसंगत और महत्वाकांक्षी व्यापार के लिए एक नया बेंचमार्क स्थापित करता है. इससे भारतीय किसानों, मछुआरों, श्रमिकों, एमएसएमई, स्टार्टअप और इनोवेटर्स को लाभ होगा. यह हमें वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने के हमारे लक्ष्य के करीब लाता है. यह एफटीए केवल वस्तुओं और सेवाओं के बारे में नहीं है, बल्कि लोगों, संभावनाओं और समृद्धि के बारे में भी है. यह हमारे मूल हितों की रक्षा करते हुए हमारे लिए ग्लोबल वैल्यू चेन में अधिक भागीदारी के लिए दरवाजे खोलता है.”
2030 तक डबल होगा व्यापार
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि एफटीए भारत को तीव्र आर्थिक विकास के मार्ग पर आगे ले जाएगा. यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा और व्यापक FTA है. बर्थवाल ने कहा कि यह भारत के लिए आने वाले दिनों में होने वाले FTA के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड के तौर पर काम करेगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि फिलहाल भारत-ब्रिटेन के बीच 60 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है. इस समझौते के बाद 2030 तक यह दोगुना होने का अनुमान है.
प्रवासी कामगारों को मिलेगी सोशल सिक्योरिटी
इस समझौते के तहत भारत को ब्रिटेन की तरफ से सोशल सिक्योरिटी के मामले में बड़ी छूट दी है. ब्रिटेन में रह अस्थायी रूप से रह रहे भारतीय कामगारों और उनके नियोक्ताओं को डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन के तहत तीन साल की अवधि के लिए ब्रिटेन में सोशल सिक्योरिटी के भुगतान से छूट दी गई है. इससे भारतीय सेवा प्रदाता ब्रिटेन में प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे. हालांकि, इस दौरान इन कामगारों को ब्रिटिश सरकार की तरफ से मिलने वाली सोशल सिक्योरिटीज से जुड़ी सभी सुविधाएं मिलती रहेंगी.
टैरिफ फ्री ट्रेड से बढ़ेगा निर्यात
एफटीए में भारत की तमाम इंडस्ट्रीज के हितों का ध्यान रखा गया है. खासतौर पर भारत की तरफ से ब्रिटेन को होने वाले सभी तरह के निर्यात इस समझौते के तहत शून्य टैरिफ के दायरे में आएंगे. सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत को लगभग 99% उत्पादों पर शून्य टैरिफ देना होगा, जिससे करीब 100 फीसदी व्यापार टैरिफ फ्री होगा. इससे भारत से ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा ब्रिटेन से आने वाली शराब और कारें सस्ती होंगी.
इन इंडस्ट्रीज को मिलेगा फायदा
एफटीए से खासतौर कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खेल के सामान और खिलौने, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों के साथ ही इंजीनियरिंग सामान, ऑटो पार्ट्स और इंजन और कार्बनिक रसायन से जुड़ी इंडस्ट्रीज को फायदा मिलेगा. इससे अन्य देशों के मुकाबले यूके में भारतीय वस्तुओं को कम प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा.
भारतीयों के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
भारतीय लोगों को फटीए के तहत ब्रिटेन में आईटी, आईटीईएस, फाइनेंस, कॉमर्स और शैक्षिक सेवाओं जैसी सेवाओं शामिल होने के अवसर मिलेंगे. एफटीए के तहत कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड सेवाओं में भारतीयों की भागीदारी बढ़ेगी. इसके अलावा दोनों देशों के बीच निवेशकों, इंटर कॉर्पोरेशन ट्रांसफर, काम करने वालों के आश्रितों के साथ ही योग प्रशिक्षकों, संगीतकारों और शेफ का आवागमन आसान होगा.
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