GST Collection में सालाना आधार पर 6.2 फीसदी का उछाल, जून में सरकारी खजाने में आए 1.85 लाख करोड़
देश में GST लागू हुए 8 वर्ष पूरे हो चुके हैं. पिछले पांच वर्ष में जीएसटी कलेक्शन डबल हो गया है. वहीं, जून के जीएसटी कलेक्शन में सालाना आधार पर 6.2 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिससे सरकारी खजाने में 1.85 लाख करोड़ रुपये की आमद हुई है.

देश के GST कलेक्शन से कारोबार और इकोनॉमी की सेहत का अंदाजा मिलता है. जून 2025 में कुल जीएसटी कलेक्शन 1.85 लाख करोड़ रुपये रहा है. यह मासिक आधार पर मई के 2.01 लाख करोड़ रुपये से कम है. हालांकि, सालाना अधार पर देखा जाए, तो जून 2024 की तुलना में 6.2 फीसदी ज्यादा है. वहीं, इस साल अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर रहा.
पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी के आठ साल पूरे होने पर कहा, जीएसटी लागू होने के आठ साल बाद, यह एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में सामने आया है, जिसने भारत के आर्थिक परिदृश्य को नया आकार दिया है. कंप्लायंस बोझ को कम करके, इसने विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करने की आसानी में बहुत सुधार किया है. जीएसटी ने आर्थिक विकास के लिए एक शक्तिशाली इंजन के रूप में भी काम किया है, जबकि भारत के बाजार को एकीकृत करने की इस यात्रा में राज्यों को समान भागीदार बनाकर सच्चे सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया है.
पिछले वर्ष के औसत से बेहतर
जून में भी GST कलेक्शन औसत से बेहतर रहा है. वित्त वर्ष 2024–25 में कुल GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ पहुंच गया. यह आठ वर्ष का शीर्ष स्तर है. वहीं, इस दौरान सालाना आधार पर कुल जीएसटी कलेक्शन में 9.4 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. जबकि, औसत मासिक कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा है. इस तरह जून 2025 में जीएसटी कलेक्शन पिछले वर्ष के औसत से बेहतर रहा है.
आम लोगों को GST का क्या फायदा मिला?
सरकार के मुताबिक जीएसटी उपभोक्ताओं के लिहाज से भी अनुकूल सुधार है. यह अंतिम उपयोगकर्ता को कर प्रणाली के केंद्र में रखता है. कई करों को हटाने और बेहतर कंप्लायंस की वजह से वस्तुओं और सेवाओं की औसत कर दर में कमी आई है. इसके साथ ही रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 60 लाख से बढ़कर लगभग 1.51 करोड़ हो गई है.
परिवारों के मासिक खर्च में 4 फीसदी की बचत
वित्त मंत्रालय के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि जीएसटी की वजह से परिवारों को कुल मासिक खर्च में कम से कम 4 फीसदी तक की बचत करने में मदद मिल रही है. इस दावे के पीछे दलील है कि जीएसटी से टैक्स बेस बढ़ा है, जिससे सरकार ने कई जरूरी वस्तुओं पर कर टैक्स रेट में कटौती की है. मसलन, अनाज, खाद्य तेल, चीनी, स्नैक्स और मिठाई जैसी वस्तुओं पर अब कम टैक्स लगता है, जिसका फायदा आम परिवारों को होता है.
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