India-US Trade Talks: 10-11 दिसम्बर को अहम बैठक, 25% टैरिफ विवाद सुलझाने पर रहेगा फोकस
भारत और अमेरिका के बीच 10-11 दिसम्बर को होने वाली ट्रेड वार्ता पर सबकी नजरें हैं. USTR के Rick Switzer और भारतीय टीम के बीच बातचीत में 25% टैरिफ विवाद, फ्रेमवर्क ट्रेड डील और USD 500 अरब डॉलर ट्रेड लक्ष्य पर चर्चा होगी. एक्सपोर्ट पर दबाव के बीच ये वार्ता भारतीय उद्योगों के लिए अहम मानी जा रही है.
अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर 9 से 11 दिसम्बर तक भारत में रहेंगे. इस दौरन वे भारतीय समकक्ष राजेश अग्रवाल के साथ ट्रेड पैक्ट को लेकर विस्तार से बात करेंगे. बातचीत का मुख्य फोकस प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता है, जिसका पहला चरण इस साल फाइनल करने का लक्ष्य रखा गया है. अमेरिकी टीम में ब्रेंडन लिंच भी शामिल होंगे, जो दक्षिण और मध्य एशिया के लिए प्रमुख वार्ताकार हैं.
टैरिफ सबसे बड़ा विवाद
अमेरिका ने रूसी क्रूड ऑयल खरीद पर भारतीय उत्पादों पर कुल 50% टैरिफ (25% टैरिफ + 25% पेनल्टी) लगा रखा है. इसका असर भारत के ट्रेड पर देखने को मिल रहा है. भारत के निर्यातक इसका भारी दबाव महसूस कर रहे हैं. यह बातचीत ऐसे समय हो रही है, जब लगातार दूसरे महीने अक्टूबर में US को भारत का निर्यात 8.58% गिरकर 6.3 अरब डॉलर रह गया है. उद्योग जगत उम्मीद कर रहा है कि वार्ता से राहत के संकेत मिलेंगे.
दो समाधानों पर एक साथ हो रही बात
भारत और अमेरिका दो स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं. इसमें एक डील तत्काल टैरिफ चुनौतियों को सुलझाने के लिए है. इसे फ्रेमवर्क डील कहा गया है. वहीं, 2030 तक 500 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के लिए और लॉन्ग-टर्म आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक कॉम्प्रेहेंसिव बायलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट पर भी बात की जा रही है. PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल का कहना है कि भारत इस वर्ष ही एक फ्रेमवर्क डील पर पहुंचने की उम्मीद कर रहा है.
अब तक छह राउंड पूरे
फरवरी 2025 में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने निर्देश दिया था कि टैरिफ और ट्रेड डील दोनों को लेकर एक अंतरिम डील या फर्स्ट ट्रेंच इस साल के अंत तक पूरा होनी चाहिए. बहरहाल, दोनों देशों के वार्ताकारों के बीच अब तक छह राउंड की बातचीत हो चुकी है. अब दिल्ली में सातवें राउंड की बैठकों होने जा रही है. 2030 तक 500 अरब डॉलर का ट्रेड लक्ष्य हासिल करने का रोडमैप भी इसी पैकेज का हिस्सा है.
अमेरिका सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर
2024-25 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रहा. दोनों देशों के बीच कुल ट्रेड 131.84 अरब डॉलर का ट्रेड हुआ. इसमें भारत ने 86.5 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट अमेरिका को किया, जो कुल निर्यात का 18% है. आयात में US की हिस्सेदारी 6.22% और कुल मर्चेंडाइज ट्रेड में 10.73% है. ऐसे में टैरिफ विवाद का समाधान भारत की एक्सपोर्ट ग्रोथ के लिए बेहद अहम है.
एक्टिव डिप्लोमेसी से बढ़ी उम्मीदें
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस साल मई और सितंबर में अमेरिकी अधिकारियों से मिल चुके हैं. सितंबर 16 को अमेरिकी टीम की पिछली भारत यात्रा हुई थी. लगातार संवाद ने वार्ता को गति दी है और माना जा रहा है कि दिसंबर की यह बैठक ‘ब्रेकथ्रू’ के लिए अहम हो सकती है.