भारत-अमेरिका में ट्रेड डील फाइनल राउंड में, बन गई बात तो चीन को लगेगी मिर्ची!

India US Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौता लंबे समय से चल रहा है. अब खबरें हैं कि ये निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है. अमेरिकी प्रतिनिधि भी आज भारत दौरे पर आ रहे हैं और उम्मीद है कि भारत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम कर सकता है जिसके बदले भारत को भी फायदा मिलेगा.

भारत और अमेरिका की डील पर जल्द बन सकती है सहमति Image Credit: Money9live/Canva

India & US Trade Deal: भारत और अमेरिका लंबे समय से ट्रेड डील करना चाह रहे हैं. ट्रंप टैरिफ के बीच ये डील होने बहुत जरूरी है. हालांकि डील पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है. लेकिन अब ऐसी खबरें हैं कि भारत और अमेरिका की डील निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी हैं. 5 जून यानी आज अमेरिकी प्रतिनिधि दो दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि भारत कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम कर सकता है. इनमें कृषि प्रोडक्ट्स से लेकर डिफेंस तक और भी कई सेक्टर शामिल हो सकते हैं. इसके बदले भारत को भी कुछ सेक्टर में फायदा मिल सकता है.

भारत का कहां फायदा?

माना जा रहा है कि अगर भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ घटाता है तो इसके बदले भारत को भी अपने कपड़ा और चमड़ा जैसे लेबर इंटेसिव सेक्टर्स में फायदा मिल सकता है. दरअसल व्हाइट हाउस पहले ही कह चुका है कि सभी देशों को 8 जुलाई की डेडलाइन से पहले अपने प्रस्ताव अमेरिका के सामने रखना है कि वे कहां-कहां टैरिफ घटाएंगे.

भारत किन पर टैरिफ घटाएगा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तेल, हथियार, सोया, मक्का, व्हिस्की और ऑटोमोबाइल जैसे अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर भारत टैरिफ घटा सकता है. इसका मतलब भारत में अमेरिका के ये प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे और स्वदेशी व्यापारियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, इसे अमेरिका का व्यापार घाटा घट सकता है और दोनों देशों के बीच एक मजबूत समझौता हो सकता है.

US से इंपोर्ट करना फायदे का सौदा?

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के कई अधिकारी भी मानते हैं कि तेल और डिफेंस प्रोडक्ट्स को अलग-अलग जगहों से खरीदना सही फैसला हो सकता है. अमेरिका से इंपोर्ट बढ़ाना भी भारत के लिए फायदे का सौदा हो सकता है. खासकर जब भारत पहले से ही तेल के मामले में विदेशों पर ही निर्भर है. अप्रैल 2025 में हमने अपनी जरूरत का 90% तक तेल इंपोर्ट किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, रूस से तो भारत डिफेंस प्रोडक्ट खरीदता ही है लेकिन अब भारत अमेरिका, फ्रांस और इजरायल जैसे ऑप्शन की ओर भी देख रहा है और अमेरिका इस मौके को भुनाने की कोशिश में है.

कृषि प्रोडक्ट

कृषि उत्पादों पर भी अमेरिका भारत से कुछ रियायतें चाहता है. रिपोर्ट के अनुसार, खासकर मक्का और सोया जैसे उत्पादों पर, जिनका चीन को भारी एक्सपोर्ट होता है. अगर चीन से टैरिफ वॉर लंबा खिंचता है, तो अमेरिका भारत को वैकल्पिक बाजार के रूप में देख रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि सोया बीज इंपोर्ट कर तेल निकाला जा सकता है और उसका बचा हुआ हिस्सा विदेश भेजा जा सकता है.

इसी तरह, सस्ता अमेरिकी मक्का एथेनॉल निर्माण में काम आ सकता है और इसके बाय-प्रोडक्ट जैसे DDGS को पूरी तरह एक्सपोर्ट किया जा सकता है.

शराब और ऑटोमोबाइल

बात अगर शराब और ऑटोमोबाइल की करें, तो अमेरिका को इन सेक्टर्स में भी भारत से राहत मिलने की उम्मीद है. भारत ने पहले ही बर्बन व्हिस्की पर इंपोर्ट ड्यूटी 150% से घटाकर 50% कर दी है. यूके के साथ हुए समझौते में ऑटो इंपोर्ट ड्यूटी भी 100% से 10% तक लाई जा रही है. कुछ ऐसा ही समझौता अमेरिका के साथ भी हो सकता है.