बिड़ला ओपस पेंट्स और एशियन पेंट्स आमने-सामने, CCI में दर्ज हुआ मामला; दिग्गज कंपनी पर गंभीर आरोप
Birla paints vs Asian Paints: एशियन पेंट्स 52 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत की सबसे बड़ी कंपनी है, लेकिन फरवरी 2024 में बिड़ला ओपस के लॉन्च होने के बाद बाजार में इसका दबदबा कम हुआ है. एशियन पेंट्स पर अपनी पोजिशन का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है.

Birla paints vs Asian Paints: आदित्य बिड़ला समूह के भारतीय पेंट्स वेंचर ने बाजार की लीडिंग कंपनी एशियन पेंट्स के खिलाफ अपनी बाजार स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में एक अविश्वास शिकायत दर्ज कराई है. यह मामला दो उद्योग प्रतिद्वंद्वियों के बीच गतिरोध का कारण बन सकता है. ईटी ने सूत्रों के हवाले से इस मामले की जानकारी दी है. एलारा कैपिटल के आंकड़ों से पता चलता है कि एशियन पेंट्स 52 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत की सबसे बड़ी कंपनी है, लेकिन फरवरी 2024 में बिड़ला ओपस के लॉन्च होने के बाद बाजार में इसका दबदबा कम हुआ है. बिड़ला ओपस ने इस साल मार्च तक तेजी से ग्रोथ करते हुए करीब 7 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है.
पोजिशन का दुरुपयोग करने का आरोप
ईटी ने सूत्रों के हवालों से लिखा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) हाल के हफ्तों में बिड़ला ओपस द्वारा दायर एक गोपनीय शिकायत की समीक्षा कर रहा है, जिसमें एशियन पेंट्स द्वारा अपनी पोजिशन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. CCI को अभी यह तय करना है कि शिकायत में दम है या नहीं और इसकी जांच यूनिट द्वारा व्यापक जांच की जरूरत है या इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए.
रिटेल डीलरों को धमकी देने का आरोप
इस मामले से परिचित एक सूत्र ने कहा कि बिड़ला के आरोपों में कहा गया है कि एशियन पेंट्स ने अपने रिटेल डीलरों से उसके प्रोडक्ट को स्टॉक नहीं करने को कहा था और ऐसा नहीं करने पर क्रेडिट फैसिलिटी को प्रतिबंधित करने की चेतावनी दी थी. ईटी ने सूत्र के हवाले से लिखा कि एशियन पेंट्स ने कथित तौर पर अपने डीलरों से कहा कि अगर वे बिड़ला पेंट प्रोडक्ट की होर्डिंग्स लगाते हैं या उन्हें प्रमुख स्थानों पर रखते हैं तो वह उन्हें अपनी सप्लाई कम कर देगा.
बिड़ला ने तेजी से किया विस्तार
बिड़ला ने पिछले साल 1.2 अरब डॉलर के निवेश के साथ 9.5 अरब डॉलर के क्षेत्र में अपने पेंट व्यवसाय का विस्तार किया है, जिसमें अब पांच प्लांट चालू हैं. एशियन पेंट्स ने 2024-25 में 294 बिलियन भारतीय रुपये ($3.43 बिलियन) का रेवेन्यू हासिल किया और दुनिया भर में इसकी 26 फैक्ट्रियां हैं. वर्ष 2022 में CCI ने JSW पेंट्स द्वारा एशियन पेंट्स के विरुद्ध अपनी बाजार स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में दायर मामला बंद कर दिया था. उसने कहा कि उसे प्रतिस्पर्धा कानूनों का कोई उल्लंघन नहीं मिला.
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