डॉलर की मजबूती पड़ी भारी, विदेशी मुद्रा भंडार में 1.2 अरब डॉलर की गिरावट

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर डॉलर की मजबूती का असर देखने को मिला है. रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक एक सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.2 अरब डॉलर की कमी आई. अब यह घटकर 691.5 अरब डॉलर हो गया है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 में ऑल टाइम हाई पर रहा Image Credit: Money9live

रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति पर साप्ताहिक आंकड़े जारी किए हैं. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 30 मई को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.2 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 691.5 अरब डॉलर रह गया है. हालांकि, रिजर्व बैंक का कहना है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के 11 महीने के आयात के और 96 फीसदी बाहरी कर्ज को कवर करने के लिए पर्याप्त है. जानकारों का मानना है कि डॉलर की मजबूती का असर विदेशी मुद्रा भंडार पर दिखा है, क्योंकि डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये और तमाम दूसरी मुद्राओं के मूल्य में कमी आई है.

ऑल टाइम हाई से कितना कम?

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 27 सितंबर, 2024 को 705 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई लेवल पर था. इसके बाद फॉरेक्स रिजर्व में कई सप्ताह लगातार गिरावट का दौर चला और इस साल 17 जनवरी को समाप्त सप्ताह में यह 624 अरब डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया था. लेकिन, इस स्तर से लगातार रिकवरी करते हुए, 23 मई को 693 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. फिलहाल, यह ऑल टाइम हाई से करीब 14 अरब डॉलर नीचे है, जबकि जनवरी के निचले स्तर से 67 अरब डॉलर ऊपर है.

कैसा रहा फॉरेक्स रिजर्व का हाल

रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 30 मई को समाप्त सप्ताह में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 691.485 अरब डॉलर रहा. इसमें पिछले सप्ताह की तुलना में कुल 1.237 अरब डॉलर की कमी आई है. फॉरेक्स रिजर्व के अहम हिस्से FCA यानी फॉरेन करेंसी एसेट में इस दौरान 1.952 अरब डॉलर की कमी आई है. यह घटकर 584.215 अरब डॉलर रहा है.

गोल्ड रिजर्व बढ़ा

फॉरेन करेंसी रिजर्व के तौर पर रखे जाने वाले गोल्ड रिजर्व में इस दौरान बढ़ोतरी हुई है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक रिपोर्टेड सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में 72.3 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. यह बढ़कर 84.305 अरब डॉलर का हो गया है. इसके अलावा फॉरेक्स रिजर्व में शामिल IMF रिजर्व में 60 लाख डॉलर की कमी आई है, जो अब घटकर 4.395 अरब डॉलर रह गया है. वहीं, SDR में 20 लाख डॉलर की कमी आई, यह अब 18.569 अरब डॉलर रह गया है.