अक्‍टूबर में थोक महंगाई दर घटकर -1.21% पर पहुंची, खाने-पीने की चीजें हुई सस्‍ती, CPI भी फिसला

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्‍टूबर में थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है. जीएसटी कटौती के चलते कई सेग्‍मेंट में चीजें सस्‍ती हो गई हैं. जिसका असर महंगाई दर में देखने को मिला. तो कितनी घट गई WPI, देखें डिटेल.

भारत की थोक महंगाई दर में गिरावट. Image Credit: Getty image

WPI Inflation October: देश में थोक महंगाई में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में WPI आधारित महंगाई दर घटकर -1.21% पर आ गई, जबकि सितंबर में यह 0.13% थी. यानी थोक स्तर पर कीमतें एक बार फिर तेजी से कम हुई है. थोक महंगाई दर के घटने के पीछे सबसे बड़ी वजह खाने-पीने की चीजों का सस्‍ता होना है.

खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी गिरावट

WPI फूड इंडेक्स में इस बार खाने-पीने की कई चीजों के और सस्‍ते होने की वजह से भारी गिरावट आई है. अक्टूबर में फूड इंफ्लेशन –5.04% रहा, जबकि सितंबर में यह –1.99% था. इसका साफ मतलब है कि खाने-पीने की कई चीजें और भी सस्ती हुई हैं. इसके अलावा जरूरी सामानों में भी हल्की गिरावट देखने को मिली. साथ ही कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतें 3% से ज्यादा गिर गईं. वहीं नॉन-फ़ूड आइटम्स भी सस्ते हुए, हालांकि मिनरल्स की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

ये चीजें हुई महंगी

फ्यूल और पावर कैटेगरी में महंगाई दर्ज की गई. इस श्रेणी का इंडेक्स अक्टूबर में 1.12% बढ़ा. इसमें सबसे ज्यादा उछाल बिजली की कीमतों में देखने को मिला, जो लगभग 3% चढ़ीं. वहीं मिनरल ऑयल भी थोड़ा महंगा हुआ, जबकि कोयले की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

मैन्युफैक्चरिंग में हल्की राहत

निर्मित उत्पादों (Manufactured Products) की महंगाई अक्टूबर में 0.07% घटी. 22 कैटेगरी में से 7 में दाम नीचे आए, जिनमें केमिकल्स, बेसिक मेटल्स और मोटर व्हीकल्स शामिल हैं. वहीं 11 कैटेगरी जैसे टेक्सटाइल्स, फूड प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट में कीमतें बढ़ीं. 4 कैटेगरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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CPI भी फिसला

खुदरा महंगाई (CPI) भी अक्टूबर में नीचे आई है. MoSPI के आंकड़ों के अनुसार CPI इंफ्लेशन सितंबर के 1.54% से गिरकर अक्टूबर में 0.25% पर आ गया, जो वर्तमान CPI सीरीज़ का सबसे निचला स्तर है. इस गिरावट के पीछे दो बड़े कारण रहे, जिनमें रिकॉर्ड-लो फूड प्राइसेज़ और हाल ही में लागू GST कटौती है, जिससे कई सेक्टर्स में कीमतें कम हुई हैं.

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