एक्सपोर्ट के मामले में स्मार्टफोन को टक्कर दे रहा FMCG प्रोडक्ट, सरकार की PLI स्कीम का मिल रहा लाभ
भारत में वित्त वर्ष 2024‑25 में निर्यात के मामले में एक नई दिलचस्प तस्वीर उभरकर सामने आई है. जहां स्मार्टफोन निर्यात में शीर्ष पर कायम हैं, वहीं रोजमर्रा के उपयोग के FMCG उत्पादों ने भी अपनी पकड़ मजबूत की है. साबुन, शैम्पू और पैकेज्ड फूड जैसे भारतीय वस्तुओं की वैश्विक मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा रही है. सरकार की PLI योजना का एफएमसीजी इंडस्ट्री को लाभ मिल रहा है.
वित्त वर्ष 2024-25 में स्मार्टफोन भले ही भारत से सबसे अधिक निर्यात किए जाने वाले सामान की सूची में शीर्ष पर रहा है, लेकिन इंडियन एक्सपोर्ट में रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले सामान यानी FMCG प्रोडक्ट की भी हिस्सेदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. बिस्कुट, नूडल्स, पैकेज्ड बेसन, साबुन और शैंपू जैसे इंडियन प्रोडक्ट को दुनिया भर में पसंद किया जा रहा है. हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), आईटीसी (ITC), मैरिको, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डाबर और एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस (पहले इसे अडानी विल्मर के नाम से जाना जाता था) जैसी शीर्ष फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनियों ने पिछले दो वर्षों में घरेलू बिक्री की तुलना में अपने निर्यात राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की है.
इन कंपनियों के निर्यात में हुई बढ़ोतरी
एचयूएल की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, यूनिलीवर इंडिया एक्सपोर्ट्स लिमिटेड ने 31 मार्च को समाप्त पिछले वित्तीय वर्ष में 1,258 करोड़ रुपये की बिक्री में 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. इसके नेट प्रोफिट में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
एचयूएल जैसी कुछ कंपनियों के लिए उनके बहुत बड़े डोमेस्टिक ऑपरेशन के कारण इंटरनेशनल ट्रेड का टर्नओवर केवल 3 फीसदी है. यह डाबर, इमामी और मैरिको जैसी कंपनियों के राजस्व का 20 फीसदी से अधिक है.
डाबर में, कंसोलिडेटेड रेवेन्यू में 1.3 फीसदी विस्तार के मुकाबले निर्यात में 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. मैरिको ने हाल ही में बताया कि उसका निर्यात कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और इसने वित्त वर्ष 25 में कुल 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है.
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निर्यात में 80 फीसदी तक बढ़ोतरी की संभावना
दिसंबर में सरकार ने कहा कि उसने वैश्विक बाजारों में भारतीय ब्रांडेड फूड प्रोडेक्ट के मार्केटिंग के लिए पीएलआई (Production-Linked Incentive Schemes) योजना के तहत लाभ के लिए 73 कंपनियों का चयन किया है. AWL ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उसका ब्रांडेड एक्सपोर्ट कारोबार पिछले तीन वर्षों में तीन गुना बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 250 करोड़ रुपये को पार कर गया. AWL एग्री बिजनेस के मुख्य कार्यकारी अंग्शु मलिक का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में निर्यात 50-80 फीसदी तक बढ़ सकता है. इस बढ़ोतरी में सरकार की पीएलआई स्कीम मददगार साबित हो रहा है.
इन प्रोडक्ट्स की बढ रही हैं मांग
एफएमसीजी प्रोडक्ट के निर्यात में बढ़ोतरी की वजह स्किन केयर प्रोडक्ट, लाइफस्टाइल न्यूट्रिशन और पर्सनल वाश के प्रोडक्ट में तेजी मांग है. इसमें डव, हॉर्लिक्स, वैसलीन, पीयर्स, ब्रू, सनसिल्क, ग्लो एंड लवली, पॉन्ड्स, लक्मे और लाइफबॉय जैसे ब्रांड शामिल हैं.
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