IndusInd Bank इंटरनल रिव्यू में सामने आईं बड़ी खामियां, 2.35 फीसदी तक घटेगी बैंक की नेट वर्थ
इंडसइंड बैंक को अपने खातों की इंटरनल रिव्यू में कई गड़बड़ी मिली हैं. इन गड़बड़ियों की वजह से दिसंबर 2024 की तुलना में बैंक की नेट वर्थ में 2.35% की कमी आने का अनुमान है. बैंक ने इन नतीजों की स्वतंत्र समीक्षा और सत्यापन के लिए एक बाहरी एजेंसी को नियुक्त किया है. इसके साथ ही दावा किया है कि इन गड़बड़ियों की वजह से उसकी प्रॉफिटेबिलिटी पर कोई असर नहीं होगा.

भारत में निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में शामिल IndusInd Bank को अपने खातों के इंटरनल रिव्यू में कई गड़बड़ी मिली हैं. ये गड़बड़ियां खासतौर पर इसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ी हैं. इसकी वजह से दिसंबर 2024 की तुलना में कंपनी की नेट वर्थ में 2.35 फीसदी कमी आने का अनुमान लगाया गया है. बैंक ने यह समीक्षा वित्तीय संस्थानों के निवेश पोर्टफोलियो के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों पर शुरू की थी.
10 मार्च, 2025 को इंडसइंड बैंक ने एक स्टेटमेंट जारी कर बताया कि रिजर्व बैंक के निर्देश पर की गई इंटरनल रिव्यू में ‘Other Asset’ और ‘Other Liability’ अकाउंट्स की जांच की गई. मोटे तौर पर यह समीक्षा डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित हैं. समीक्षा में इन खाता शेषों में कुछ गड़बड़ी पाई गईं हैं. इससे बैंक ने अपनी नेट वर्थ पर प्रतिकूल प्रभाव का अनुमान लगाया.
एक्सटर्नल एजेंसी करेगी सत्यापन
बैंक ने अपनी समीक्षा में मिली गड़बड़ियों के सत्यापन के लिए एक प्रतिष्ठित बाहरी एजेंसी को नियुक्त किया है. फिलहाल, बैंक को इस मामले में एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है. बैंक ने हितधारकों को आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट मिलने पर किसी जो भी नतीजा आएगा, उसे वित्तीय विवरणों में शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही बैंक ने निवेशकों को आश्वासन दिया है कि इस मामले उसकी प्रॉफिटेबिलिटी पर असर नहीं होगा.
बाजार की कैसी रही प्रतिक्रिया?
रिव्यू की जानकारी दिए जाने के बाद बैंक के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई. 10 मार्च, 2025 को स्टॉक 3.86% की गिरावट के साथ 900.60 अंक पर बंद हुआ. बैंक का शेयर अब अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 1,576.00 से 42.86% नीचे एक साल के निचले स्तर पर आ गया है.
क्या था रिजर्व बैंक का निर्देश
रिजर्व बैंक ने सितंबर 2023 में एक मास्टर डायरेक्शन डॉक्यूमेंट जारी किया. इसमें बैंकों की तरफ से निवेश पोर्टफोलियो के वर्गीकरण, मूल्यांकन और संचालन से संबंधित दिशानिर्देश दिए गए हैं. इस निर्देश का मकसद बैंकों की वित्तीय स्थिति की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ाना है. इंडसइंड बैंक ने इन्हीं निर्देशों के तहत अपने खातों का रिव्यू किया है.
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