अब चाइनीज ऐप के लोन ट्रैप में नहीं फंसेंगे कस्टमर, RBI ने जारी की डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की लिस्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1,600 डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की सूची जारी की है. इन ऐप्स के माध्यम से ग्राहक वैध लोन ले सकते हैं. देश में अवैध लेंडिंग ऐप्स की बढ़ती संख्या और उनके द्वारा ग्राहकों को कर्ज के जाल में फंसाए जाने की परिस्थितियों को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह महत्वपूण कदम उठाया है

Digital Lending Apps Image Credit: Getty, Canva

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों को वित्तीय धोखाधड़ी और कर्ज के जाल में फंसने से बचाने के लिए डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की सूची जारी की है. इस सूची में लगभग 1,600 नाम शामिल हैं. उपभोक्ता अब यह जांच सकते हैं कि कोई ऐप नियामक के दायरे में आता है या नहीं. केंद्रीय बैंक का उद्देश्य देश में अवैध रूप से लोन देने वाले ऐप्स के नेटवर्क को तोड़ना है. आइए समझते हैं कि RBI को यह कदम क्यों उठाना पड़ा.

इन ऐप के माध्यम से ले सकते हैं लोन

आरबीआई ने कुल 1,600 ऐप को डिजिटल लैंडिंग ऐप (List of Digital Lending Rate) के रूप में चिह्नित किया है. इनमें Google Pay, BharatPe, Paytm, PhonePe, LendingKart, Navi, Axio जैसे बड़े नाम शामिल है. लोन लेने से पहले एक बार यह जांच लें कि जिस ऐप के जरिए आप लोन ले रहे हैं क्या वो RBI की लिस्ट में है या नहीं. ये ऐप्स प्लेस्टोर (Playstore) और ऐपस्टोर (App Store) पर उपलब्ध होंगे.

यहां देखें पूरी लिस्ट – Digital Lending App

RBI ने यह कदम क्यों उठाया?

पिछले कुछ वर्षों में भारत में चाइनीज लोन देने वाली ऐप्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. ये ऐप्स पहले ग्राहकों को आसानी से लोन देते हैं, लेकिन बाद में उनसे अत्यधिक ब्याज वसूलते हैं. कर्ज ना चुकाने पर ऐप कंपनी ग्राहक के परिचितों को उसके आपत्तिजनक फोटो‑वीडियो भेजकर ब्लैकमेल करते हैं. ये फोटो‑वीडियो अक्सर मोर्फ्ड होते हैं, क्योंकि लोन देते समय ऐप ग्राहक के फोन का एक्सेस ले लेता है. इन एप्स का ब्याज इतना अधिक होता है कि उपभोक्ता कर्ज के जाल में फंस जाते है. चाइनीज कर्ज देने वाली ऐप्स की बढ़ती संख्या के चलते RBI का यह आदेश बेहद महत्वपूर्ण है.

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

सेंट्रल बैंक ने ग्राहकों को कर्ज के जाल से बचाने के लिए पहले भी कुछ इसी तरह के कदम उठाए हैं. लोन देने वाली ऐप्स के खतरे को देखते हुए, सितंबर 2022 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Paytm, PayU, razorpay और cashfree जैसे पेमेंट गेटवे (Payment Getway) के परिसरों पर छापे मारे , साथ ही चीनी नागरिकों के स्वामित्व वाली और उनके द्वारा नियंत्रित अन्य संस्थाओं पर भी छापे पड़े. बाद में, आईटी मंत्रालय (IT Ministry) ने मनी लॉन्ड्रिंग, अनुचित डेटा स्टोरेज और उसे देश से बाहर भेजने में शामिल होने के लिए चीनी लिंक वाले 94 कर्ज देने वाली ऐप्स को ब्लॉक कर दिया.

क्या हैं इसके फायदे?

इस कदम का उद्देश्य भारत में डिजिटल ऐप के जरिए दिए जा रहे लोन में पारदर्शिता लाना है. साथ ही ग्राहकों को कर्ज के जाल में फंसने से बचाना है. ये ऐप्स भारतीय यूजर का डाटा इंडिया से बाहर भेजते हैं. भारत का चीन के साथ सीमा विवाद है. उस स्थिति में कंपनियां यूजर का डाटा भारत विरोधी कामों में लगाती है. केंद्रीय बैंक का यह निर्णय भारतीय सुरक्षा के लिहाज से भी अहम है.