इंडसइंड बैंक की इंटरनल ऑडिट में 595 करोड़ रुपये की जांच, जानें- क्या-क्या पता चला

IndusInd Bank Internal Audit: व्हिसलब्लोअर की शिकायत मिलने के बाद बोर्ड की ऑडिट कमेटी ने आंतरिक ऑडिट विभाग को ‘अन्य संपत्ति’ और ‘अन्य देनदारियों’ में दर्ज लेनदेन की समीक्षा करने के लिए कहा था. बैंक ने कहा कि इंटरनल ऑडिट विभाग ने 8 मई 2025 को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है.

इंडसइंड बैंक की इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट. Image Credit: Getty image

IndusInd Bank Internal Audit: प्राइवेट सेक्टर के बैंक इंडसइंड बैंक ने गुरुवार को कहा कि उसके इंटरनल ऑडिट विभाग ने बही-खाते के अन्य एसेट सेगमेंट में 595 करोड़ रुपये की ‘बिना दस्तावेजी प्रमाण वाली राशि’ पाई गई है. इस सिलसिले में प्रमुख कर्मचारियों की भूमिकाओं की भी जांच हुई है. इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा कि बही-खाते की यह शेष राशि आगे चलकर जनवरी, 2025 में ‘अन्य देनदारियां’ खातों में दिखने वाली समान राशि से समायोजित कर दी गई.

व्हिसलब्लोअर की शिकायत

इसने कहा कि इस संबंध में व्हिसलब्लोअर की शिकायत मिलने के बाद बोर्ड की ऑडिट कमेटी ने आंतरिक ऑडिट विभाग को ‘अन्य संपत्ति’ और ‘अन्य देनदारियों’ में दर्ज लेनदेन की समीक्षा करने के लिए कहा था. यह बैंक के माइक्रो फाइनेंस कारोबार की समीक्षा के अलावा था जिसकी जानकारी बैंक ने 22 अप्रैल को शेयर बाजारों को दी थी.

कर्मचारियों की भूमिकाओं की जांच

बैंक ने कहा कि इंटरनल ऑडिट विभाग ने 8 मई 2025 को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. इसके मुताबिक, बैंक के ‘अन्य एसेट’ खातों में 595 करोड़ रुपये तक की बिना दस्तावेजी प्रमाण वाली राशि थी. इसे जनवरी, 2025 में ‘अन्य देनदारियां’ खातों में नजर आने वाली समान राशि से समायोजित कर दिया गया था. इंडसइंड बैंक ने कहा कि ऑडिट विभाग ने इस संदर्भ में प्रमुख कर्मचारियों की भूमिकाओं और कार्यों की भी जांच की है.

MFI व्यवसाय की समीक्षा

इससे पहले 22 अप्रैल को बैंक ने कहा था कि खातों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, बैंक का ऑडिट विभाग कुछ चिंताओं की जांच करने के लिए बैंक के MFI व्यवसाय की समीक्षा कर रहा है और इसमें ईवाई की भी मदद ली जा रही है.

यह भी पढ़ें: इंडसइंड बैंक के अधिकारियों पर क्लाइंट की कंपनियों में इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप, सेबी ने शुरू कर दी है जांच