INOX महाविलय, Waaree Energies और Suzlon का हिलाएगी साम्राज्य! जानें कंपनी में कितना दम और कौन है मालिक

आइनॉक्‍स विंड एनर्जी के मर्जर को एनसीएलटी की मंजूरी मिल गई है, ऐसे में ये एनर्जी सेक्‍टर की दो दिग्‍गज कंपनियों वारी एनर्जीज और सुजलॉन एनर्जी को टक्‍कर दे सकती है. इसके प्‍लान न सिर्फ कंपनी के विस्‍तार में मदद करेंगे, बल्कि इसका दबदबा भी मजबूत करेंगे. तो कौन है कंपनी के मालिक और कैसे मजबूत होगी इसकी स्थिति यहां जानें डिटेल.

inox के मर्जर से क्‍या हिलेगा वारी और सुजलॉन का साम्राज्‍य Image Credit: money9

INOX Merger: एनर्जी सेक्‍टर में वारी एनर्जीज और सुजलॉन एक जाना माना नाम है. इसी कड़ी में आइनॉक्‍स विंड भी शामिल है. हाल ही में Inox Wind Energy Ltd (IWEL) और Inox Wind Ltd (IWL) के मर्जर की मंजूरी मिल गई है. ऐसे में इसकी ताकत बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसकी झलक इसके शेयरों में आए उछाल में देखने को मिली. बीते एक हफ्ते में आइनॉक्‍स विंड एनर्जी के शेयर ने 2 फीसदी का रिटर्न दिया है. जबकि एक महीने में इसमें 13 फीसदी से ज्‍यादा की तेजी आई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या IWEL और IWL के महाविलय से कंपनी की ताकत बढ़ेगी और क्‍या ये वारी और सुजलॉन जैसे दिग्‍गजों को टक्‍कर दे पाएगी. इन्‍हीं चीजों को बारीकी से समझने के लिए यहां देखें सभी कंपनियों की वित्‍तीय स्थिति और शेयर प्राइस.

मर्जर से होंगे ये फायदे

आइनॉक्स विंड एनर्जी लिमिटेड को 6 मार्च, 2020 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत शामिल किया गया था, जिसका मकसद विंड एनर्जी के उत्पादन और बिक्री के व्यवसाय को बढा़ना था. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की चंडीगढ़ बेंच ने Inox Wind Energy Ltd (IWEL) को Inox Wind Ltd (IWL) में मिलाने की मंजूरी से कंपनी के विस्‍तार में मदद मिलेगी. मर्जर को स्कीम ऑफ अरेंजमेंट का नाम दिया गया है. इसका असल मकसद ग्रुप के विंड एनर्जी बिजनेस को मिलाना है. इससे ग्रुप को कई फायदे होंगे. इससे ऑपरेशन आसान होगा. साथ ही कुल देनदारी में 2,050 करोड़ रुपये की कमी आएगी. इससे कंपनी की बैलेंस शीट को मजबूत करने और खर्चों को कम करने में भी मदद मिलेगी.

कौन हैं कंपनी के कर्ता-धर्ता?

आइनॉक्‍स विंड एनर्जी लिमिटेड की शुरुआत जैन परिवार ने की थी. इसके बोर्ड मेंबर्स में शांति प्रसाद जैन, देवेन्द्र कुमार जैन, विवेक कुमार जैन, देवांश जैन, विनीत वैलेंटाइन डेविस और वनीता भार्गव शामिल हैं. इन पर कंपनी की दारोमदार है.

Waaree Energies

वारी एनर्जीज लिमिटेड की स्थापना 1990 में हुई थी. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक यह 13.3 गीगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ भारत का सबसे बड़ा सौर पीवी मॉड्यूल निर्माता है. ये 5.4 गीगावाट की क्षमता के साथ भारत का सबसे बड़ा सौर सेल निर्माता है. इसने 2007 में सोलर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण पर फोकस करते हुए ऑपरेशन शुरू किया था, जिसका मकसद कम कीमत में गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी टिकाऊ एनर्जी सॉल्‍यूशन देना था.

प्रमोटर्स के बड़े दांव से मिलेगा फायदा

हाल ही में वारी एनर्जी ने स्‍टॉक एक्‍सचेंज में ऐलान किया था कि उसके चार प्रमोटर्स— हितेश चिमनलाल दोशी, किरीट चिमनलाल दोशी, वीरेन चिमनलाल दोशी और पंकज चिमनलाल दोशी ने कंपनी में हिस्‍सेदारी बढ़ाई है. प्रमोटरों ने मिलकर 5,27,27,955 इक्विटी शेयर (18.35%) खरीदे हैं. इस अधिग्रहण से पहले इन प्रमोटर्स के पास कंपनी की 20.83% हिस्सेदारी थी, जो अब बढ़कर 39.19% हो गई है. प्रमोटर्स की इस भारी-भरकम हिस्सेदारी ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है. इससे शेयरों में तेजी की उम्‍मीद है. इतना ही नहीं यह कदम कंपनी के भविष्य और लॉन्‍ग टर्म विकास की रणनीति को दर्शाता है.

Suzlon Energy

सुजलॉन भारत की प्रमुख रिन्‍यूएबल एनर्जी सॉल्‍यूशन प्रोवाइडर कंपनी है, जो अपने ग्राहकों को 360 डिग्री सॉल्‍यूशन पैकेज प्रदान करती है. ये विंड एनर्जी परियोजनाओं के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करती है. इसकी 17 देशों में मौजूदगी है, वहीं दुनिया भर में इसकी 14 मैन्‍यूफैक्‍चरिंग यूनिट और 8 रिसर्च एंड डेवलपमेंट सुविधाएं हैं. मार्केट में इसका काफी दबदबा है. हालांकि हाल ही में सुजलाॅन के प्रमोटर्स ने एक ब्लॉक डील में 13.5 करोड़ इक्विटी शेयर, यानी 1% हिस्सेदारी बेच दी. 31 मार्च 2025 तक सुजलॉन के प्रमोटर्स के पास 180.87 करोड़ शेयर (13.25% हिस्सेदारी) थे, और इस बिकवाली ने निवेशकों के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि अभी भी कई जानकार लॉन्‍ग टर्म के लिहाज से कंपनी को लेकर आश्‍वस्‍त हैं.

तीनों कंपनियों का कितना है मार्केट कैप?

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कैसा रहा शेयरों का प्रदर्शन?