₹57185 करोड़ के कर्ज में डूबी कंपनी पर अडानी की नजर, CCI से मिली मंजूरी, खरीद की रेस में डालमिया, जिंदल से निकले आगे
दिवालिया प्रक्रिया से जूझ रही जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड यानी JAL को खरीदने की प्रक्रिया तेज हाे गई है. इसमें कई दिग्गजों ने दांव लगाया है, लेकिन खरीदारी की रेस में अडानी समूह आगे निकलता नजर आ रहा है. सीसीआई से मिली मंजूरी के बाद से उसके हौंसले और बुलंद है.
JAL Acquisition: कर्ज में डूबी दिग्गज कंपनी Jaiprakash Associates Limited (JAL) को खरीदने की रेस में कई बड़े नाम शामिल हैं. जिनमें वेदांता से लेकर जिंदल ग्रुप तक शामिल हैं, लेकिन अधिग्रहण के इस दौड़ में अडानी ग्रुप आगे निकलता नजर आ रहा है. दरअसल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी CCI ने मंगलवार को अडाणी समूह की जयप्रकाश एसोसिएशन लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अडानी समूह के बोली में सफल होने पर वह दिवालिया कंपनी को खरीद सकता है.
CCI ने यह मंजूरी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) और अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (AIDPL) दी है. इसके अलावा अडाणी समूह की कोई भी दूसरी कंपनी इस सौदे में हिस्सा ले सकती है. CCI ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट के जरिए दी.
कर्ज के बोझ से दबी कंपनी
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, JAL पर कुल ₹57,185 करोड़ का कर्ज बकाया है. इनमें सबसे बड़ा दावा NARCL का है, जिसने ये लोन SBI के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से खरीदे हैं. JAL फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही है. कंपनी के कर्ज चुकाने में नाकामयाब रहने पर जून 2024 में NCLT की इलाहाबाद बेंच ने JAL को इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में भेजा था.
Dalmia, Vedanta, Jindal भी रेस में
JAL को खरीदने की दौड़ में अडाणी अकेले नहीं हैं. इसके लिए Dalmia Bharat ने 5 अगस्त को CCI के पास 100% अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया था. वहीं Vedanta Group, Jindal Power और PNC Infratech जैसे बड़े नाम भी मैदान में हैं. वे भी अपने-अपने प्रस्ताव CCI को सौंप चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, किसी भी रिजॉल्यूशन प्लान पर वोटिंग से पहले CCI की मंजूरी जरूरी होती है. फिलहाल Committee of Creditors (CoC) सभी प्रस्तावों की समीक्षा कर रही है. वोटिंग की तारीख जल्द तय की जाएगी.
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Jaypee की बेशकीमती संपत्तियों पर सबकी नजर
JAL के पास ग्रेटर नोएडा की जेपी ग्रीन्स, Wishtown, और जेवर एयरपोर्ट के पास बन रही जेपी स्पोर्टस सिटी जैसी प्राइम लोकेशंस पर प्रोजेक्ट्स हैं. साथ ही कंपनी के पास दिल्ली-एनसीआर में तीन कमर्शियल प्रॉपर्टी, पांच होटल (दिल्ली, मसूरी और आगरा में), मध्यप्रदेश में चार बंद सीमेंट प्लांट और लीज पर ली गई लाइमस्टोन खदानें भी हैं. इसके अलावा JAL की कुछ प्रमुख सब्सिडियरी कंपनियों जैसे- जयप्रकाश पावर वेन्चर्स, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग और जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में हिस्सेदारी है.