Jane Street ने IIT मद्रास के छात्र को दिया था 4.3 करोड़ का पैकेज, SEBI के एक्शन से पहले का ऑफर
SEBI की कार्रवाई से पहले ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street ने दिसंबर 2024 में IIT मद्रास के एक छात्र को 4.3 करोड़ का सालाना पैकेज दिया था, जो उस साल का सबसे बड़ा ऑफर था. अब जब कंपनी पर 4,843 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग हेरफेर का आरोप लगा है, तब यह पैकेज फिर से सुर्खियों में आ गया है.
SEBI Action on Jane Street: भारत के तेजी से बढ़ते डेरिवेटिव मार्केट में हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग के जरिए अरबों की कमाई करने वाली ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street अब SEBI की बड़ी कार्रवाई के घेरे में है. अमेरिका की ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर भारतीय बाजार नियामक सेबी ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि उसने एक्सपायरी वाले कुछ खास दिनों पर इंडेक्स में जानबूझकर हेरफेर की. सेबी ने इसे गैरकानूनी मानते हुए Jane Street की भारत में ट्रेडिंग पर रोक लगा दी है. साथ ही 4,843 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को लौटाने का आदेश दिया है. इस कार्रवाई के बीच एक और बात चर्चा में है. दिसंबर 2024 में Jane Street ने IIT मद्रास के एक छात्र को 4.3 करोड़ रुपये का सालाना पैकेज ऑफर किया था. यह उस प्लेसमेंट सीजन का सबसे ऊंचा पैकेज था. अब जब कंपनी खुद एक बड़े घोटाले में फंसी है, तो यह प्लेसमेंट ऑफर फिर से सुर्खियों में आ गया है.
क्यों खास होता है Jane Street का ऑफर?
Jane Street का यह पैकेज सिर्फ बड़ी रकम की वजह से खास नहीं है. यह इस बात का संकेत भी है कि कंपनी कितने हाई-कैलिबर टैलेंट की तलाश करती है. उसे ऐसे लोग चाहिए जो मैथ्स, कोडिंग और तेजी से सोचने-फैसले लेने में माहिर हों. इस कंपनी में सिलेक्शन प्रोसेस बेहद सख्त होता है. कैंडिडेट्स को क्वांट पजल्स, लॉजिक प्रॉब्लम्स और कोडिंग टेस्ट के कई राउंड से गुजरना पड़ता है. इंटरव्यू के दौरान मानसिक चुस्ती और दबाव में काम करने की क्षमता को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है. दुनियाभर में Jane Street को उसके हाई-पे स्केल और टफ सिलेक्शन प्रोसेस के लिए जाना जाता है. यह फर्म MIT, हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे टॉप ग्लोबल यूनिवर्सिटीज से भी हायरिंग करती है. अब भारत के IIT ग्रैजुएट्स भी इसके टारगेट टैलेंट पूल में हैं.
भारत क्यों बना ग्लोबल क्वांट फर्म्स का नया ठिकाना?
दरअसल बीते कुछ सालों में भारत का शेयर बाजार, खासतौर पर डेरिवेटिव सेगमेंट में, दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बन गया है. NSE पर ऑप्शंस ट्रेडिंग का वॉल्यूम लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है. इसी वजह से कई ग्लोबल क्वांट और प्रोप ट्रेडिंग फर्म्स ने भारत में अपने ऑपरेशन शुरू किए हैं. Jane Street ने भी JSI Investments Pvt Ltd और JSI2 Investments Pvt Ltd नाम से दो सहयोगी फर्मों के जरिए भारत में ट्रेडिंग शुरू की थी.
हालांकि ये फर्में सार्वजनिक रूप से बहुत लो-प्रोफाइल रहीं, लेकिन इनकी ट्रेडिंग रणनीतियों ने बाजार में बड़ा असर डाला. अब इन्हीं गतिविधियों को लेकर Jane Street सेबी की रडार पर है.
4,843 करोड़ की कमाई पर लगा सेबी का ब्रेक
सेबी ने 3 जुलाई 2025 को 105 पेज की अंतरिम रिपोर्ट जारी की. इसमें बताया गया कि Jane Street की दोनों भारतीय इकाइयों ने एक विशेष ट्रेडिंग रणनीति अपनाकर गैरकानूनी मुनाफा कमाया. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने ऑप्शंस से 43,289 करोड़ की कमाई की, जबकि जानबूझकर फ्यूचर्स और कैश सेगमेंट में 7,208 करोड़ का नुकसान दिखाया. इसका मकसद टैक्स और नियामकीय जांच से बचना था.
इस पूरे ऑपरेशन से कंपनी ने कुल 36,500 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया. सेबी ने इसे मार्केट की पारदर्शिता के खिलाफ माना और निर्देश दिया कि यह पैसा एस्क्रो अकाउंट में जमा किया जाए. साथ ही, Jane Street के सभी बैंक और डिमैट अकाउंट को जब तक ब्लॉक रखने का आदेश दिया गया है, जब तक सेबी से अनुमति न मिले.
कैसे होता था इंडेक्स में दिनभर का खेल
सेबी की रिपोर्ट में दो प्रमुख हेरफेरी रणनीतियों का जिक्र किया गया है. पहली रणनीति को Intraday Index Manipulation Strategy कहा गया है. इसमें Jane Street ने सुबह के सत्र में बैंक निफ्टी से जुड़े प्रमुख स्टॉक्स जैसे ICICI Bank, HDFC Bank और Axis Bank को बड़ी मात्रा में खरीदा. इससे इंडेक्स ऊपर गया. इसी दौरान कंपनी ने ऊंचे दाम पर कॉल ऑप्शंस बेचे और सस्ते में पुट ऑप्शंस खरीदे. दोपहर में उन्हीं स्टॉक्स को बेच दिया गया जिससे इंडेक्स नीचे गिर गया. इससे पुट ऑप्शन की कीमत बढ़ गई और कॉल ऑप्शंस बेकार हो गए. सिर्फ 17 जनवरी 2024 को इस तकनीक से कंपनी ने 734.93 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.
क्लोजिंग के समय किया जाता था सबसे बड़ा झटका
वहीं कंपनी की दूसरी स्ट्रेटजी को Extended Marking the Close Strategy नाम दिया गया है. इसमें Jane Street ने बाजार बंद होने के ठीक पहले, दोपहर 2 बजे से लेकर क्लोजिंग तक के समय में भारी ट्रेडिंग की. इस वक्त कंपनी ने कुछ स्टॉक्स की कीमतों में तेजी से उतार-चढ़ाव लाकर इंडेक्स को अपनी पोजिशन के अनुकूल घुमाया. इससे उसके डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की वैल्यू में बड़ा फायदा हुआ. सेबी ने इसे पूरी तरह से जानबूझकर की गई हेराफेरी माना है और कहा है कि यह शेयर बाजार की निष्पक्षता को कमजोर करता है.
Jane Street ने क्या कहा?
SEBI के आदेश के बाद Jane Street ने एकऑफिशियल बयान जारी किया. कंपनी ने कहा, हम हर उस देश के कानूनों का पालन करते हैं, जहां हम काम करते हैं. हम SEBI की अंतरिम रिपोर्ट से असहमत हैं और अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए लगातार संपर्क में हैं. कंपनी की तरफ से आगे बयान में बताया गया है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, सेबी ने Jane Street और उसकी सहयोगी इकाइयों को भारतीय शेयर बाजार में किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त से पूरी तरह रोक दिया है.
इसे भी पढ़ें- भारत ने आय समानता में चीन-अमेरिका समेत G20 देशों को छोड़ा पीछे, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट
Jane Street आखिर है कौन?
Jane Street एक अमेरिकी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म है जिसकी शुरुआत वर्ष 2000 में हुई थी. आज यह कंपनी दुनियाभर में सालाना 17 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की ट्रेडिंग करती है. कंपनी शेयर, ऑप्शन, बॉन्ड, ETF और क्रिप्टो जैसे तमाम एसेट क्लास में एक्टिव है. इसका हेड ऑफिस न्यूयॉर्क में है, जबकि लंदन, एम्स्टर्डम, सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में भी इसके दफ्तर हैं.